पृष्ठ:शिवा-बावनी.djvu/३१

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शिवा बावनी

MAAVANA शिवा बावनी रखी थी। उन्होंने कुरान के अनुसार वैदिक धर्म वालों को जबरदस्ती मुसल्मान नहीं बनाया था। किन्तु औरंगजेब सत्य का निरादर और.देवी देवताओं की प्रतिष्ठा भंग कर रहा है। यदि शिवा जी न होते तो काशी का प्रत्यक्ष प्रभाव चला जाता मथुरा में मसजिदें दिखाई देती और हिन्दुओं को खतना करा. कर मुसल्मान होना पड़ता। टिप्पणी यह बहुत भद्दा छन्द है । विचार-तारतम्य ठीक नहीं । पहिले चरण का अर्थ भी स्पष्ट नहीं है। तब्बर (पंजाबी-टब्बर) पुत्र। कुंभकन्न असुर ौतारी अवरंगजेब, __ कीन्ही कल मथुरा दोहाई फेरी रब की। खोदि डारे देवी देव सहर महल्ला बांके,. लाखन तुरुक कीन्हे बूटि गई तयकी । भूषन भनत माग्यो कासीपति विश्वनाथ, और कौन गिनती में भूली गति भवकी। चारों वर्ण धर्म छोड़ि कलमा निवाज पढ़ि, सिवाजी न होतो तो सुनति होति सबकी ॥२१॥ भावार्य भूषण कहते हैं कि कुंभकर्ण राक्षस के अवतार औरंगजेब ने मथुरा में कृतल भाम कराकर मुसल्मानी मेस चला दिया।