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शिवा बावनी

शिवा बावनी सब उमरावन की हठ कूरताई देखो, कहैं नवरंगजेब साहि सिरताज पै। भीख मांगि खैहैं बिन मनसब रैहैं, पैन जैहैं हजरत महावली सिवराज पै ॥२८॥ भावार्थ भूषण कहते हैं कि सब सरदारों की हठ और कायरता तो देखो, ये मारे डर के औरंगजेब से कहते हैं कि 'हम लोग सारे राजाओं को हरा देंगे। योद्धाओं के समाज के टुकड़े टुकड़े कर देंगे। हम लोग आसाम और सिलहट तथा जहाज पर चढ़ समुद्र पार कर चीन, रूम और बलख बुखारे जायेंगे। हम बिना ही पदवी के भीख माँग कर रहेंगे, यह सब करेंगे, पर उस महाप्रतापी बीरवर शिवा जी पर चढ़ाई करने न जायँगे। टिप्पणी जुमिला-सब जगह । मनसत्र-पदवी, ओहदा । कूरताई कायरता अथवा कृतघ्नता । हजरत महामान्य, महा प्रतापी । चन्द्रावल' चूर करि जावला जपत कीन्हो, मारे सब भूप औ सँहारे पुर धाय के। (१) चन्द्रावल अथवा चन्द्रराव मोरे जावली का राजा था। (२) मावली एक स्थान का नाम है । यहां के राजा चन्द्रराव मोरे को शिवाजी ने संबच १७१२ में मार कर जावली पर अपना अधिकार कर लिया था।