पृष्ठ:संकलन.djvu/१०१

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तैयार किया गया है। उसमें श्वास से अशुद्ध हुई हवा आप-ही- आप शुद्ध हो कर फिर श्वासोपयोगिनी होजाती है। यदि किसी दुर्घटना के कारण यह धूम्रपोत समुद्र की तह पर बैठ जाता है तो इसके भीतर के ख़लासी इस शिरस्त्राण को सिर पर बाँधते हैं । उस पर “लाइफ-बेल्ट" नाम का एक पट्टा लगा रहता है। वह कभी डूबता नहीं, सदा पानी पर तैरा ही करता है। शिरस्त्राण को सिर पर रख कर ख़लासी इस पट्टे को बाँधते हैं। फिर वे सब-मरीन का दरवाज़ा खोल देते हैं। ऐसा करने से वे आप ही आप ऊपर को उठते हैं और पानी की सतह पर आ जाते हैं।

आज तक इन सब-मरीन पोतों पर ऐसे तारयंत्र न थे जिनके द्वारा समुद्र-तट पर रहनेवाले अधिकारियों, अथवा अपनी गवर्नमेंट के अन्यान्य जहाज़ों के अफसरों, से बातचीत की जा सके। परन्तु अब यह बाधा भी दूर हो गई है। अब बिना तार की तार-बर्की के यंत्र ऐसे पोतों पर भी रक्खे जाने लगे हैं। सब-मरीन की पीठ पर दो-दो तीन-तीन लकड़ियों को एकत्र कर के दो तीन जगह उन्हें बाँध कर खड़ा कर देते हैं। उन्हीं के ऊपर तार खींच कर लगा देते हैं। तार-यन्त्र पोत के भीतर रहते हैं । इस प्रबन्ध से सब-मरीन समुद्र के तल तक जा कर डूब ही क्यों न गई हो, उसके अधिकारी किनारे के अधिकारियों अथवा अन्य धूम्रपोतों से बात-चीत कर सकते हैं।

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