पृष्ठ:संकलन.djvu/११७

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से भी पूर्ण था। उसने अन्त में, वह काम कर दिखाया जिसके लिए तब तक तुर्क लालायित थे। १४५३ में, उसने कान्स- टेन्टीनोपिल घेर लिया। घमासान युद्ध हुआ। अन्त में तुर्कों की तोपों के सामने दुर्ग की दीवारें खड़ी न रह सकीं। ईसाइयों का सारा परिश्रम और आत्मोत्सर्ग निष्फल हुआ। उनका सम्राट् भी युद्ध करते करते धराशायी हुआ। ईसाई संसार के परम पवित्र स्थान सेंट सोफ़िया नाम के गिरजा- घर पर ईसाई धर्म का सूचक 'क्रास' न रह सका । उस पर इसलामी चन्द्रमा चमकने लगा। विजयी मुहम्मद ने सगर्व नगर में प्रवेश करके उस नई मसजिद में नमाज़ पढ़ी। कान्स- टेन्टीनोपिल तुर्कौ की राजधानी बना। तुर्की राजा सुलतान हुए और उनका राज्य हुआ तुर्की साम्राज्य। आज इसी साम्राज्य को हम तुर्की या उसमानी साम्राज्य के नाम से पुकारते हैं।

इस विजय के कारण मुहम्मद योरप के इतिहास में विजयी मुहम्मद के नाम से प्रसिद्ध है। इसके बाद वह चुपचाप न बैठा रहा। उसने योरप में अपना राज्य और भी बढ़ाया। क्राइमिया और बोसनिया को जीता। ग्रीकों के द्वीप-समूह के कितने ही द्वीपों को उसने अपने अधिकार में कर लिया। उसका विचार इटली और स्पेन पर मुसलमानों का आधिपत्य स्थापित करने का था; परन्तु, १४८१ में, उसकी मृत्यु हो गई।

१५१२ में, सलीम प्रथम सुलतान हुआ। वह भी बड़ा

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