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स्वेज़ नहर

योरप और एशिया का सम्बन्ध जिन कारणों से घनिष्ट हो गया है, उनमें से स्वेज़ नहर मुख्य है। पहले जो जहाज़ योरप से एशिया आते थे, उनको यहाँ तक पहुँचने में कई महीने लगते थे। पर जब से यह नहर बन गई, तब से लन्दन से बम्बई आने में सिर्फ़ दो सप्ताह लगते हैं। इस तरह महीनों का रास्ता हफ्तों में तै होने से योरप को एशिया पर व्यापारिक और राजनैतिक प्रभुत्व जमाने में जो सुविधा हुई है, वह अकथनीय है। यह नहर लाल-सागर (Red Sea) और भूमध्य-सागर (Mediterranean Sea) के बीच में है। इसकी लम्बाई स्वेज़ से सईद बन्दर तक कोई सौ मील है। १८६९ ईसवी में इसको एक फ़रासीसी इञ्जिनियर ने बनाया था। जब यह बनी थी, तब इसकी चौड़ाई पानी की सतह पर डेढ़ सौ से लेकर तीन सौ फुट तक थी और पेदे में कोई बहत्तर फुट; तथा गहराई छब्बीस फुट थी।

सन् १८६९ में जितने बड़े जहाज़ बनते थे, उनकी अपेक्षा बड़े जहाज़ आज-कल बनते हैं। इसलिए जहाज़ों का आकार

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