पृष्ठ:संकलन.djvu/१४६

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हानि होती है। अतएव यह बालू बेकार पड़ी रहती थी, इससे सोना न निकलता था। परन्तु कुछ दिनों से एक ऐसी तरकीब निकली है कि पत्थर की इस बालू से भी सहज में सोना निकल आता है और ख़र्च भी बहुत कम पड़ता है। इससे अब कई साल से कोलर की खानों से लाभ बहुत कुछ बढ़ गया है। इस तरकीब से पत्थर की उस रेणु से भी सोना निकाला जा सकता है जो पारे के ऊपर उतरा आने पर पानी के साथ फेंक दी जाती थी।

यद्यपि आज-कल कोलर की खानों से मनों सोना नित्य निकलता है, तथापि यह व्यापार नया नहीं। यहाँ की खानों में ऐसे अनेक चिह्न पाये जाते हैं जिन से यह सिद्ध होता है कि प्राचीन काल में भी ये खानें खोदी जाती थीं। आज-कल ये खानें कल की सहायता से खोदी जाती हैं। पर प्राचीन काल के हिन्दुओं ने कल की सहायता के बिना ही इन्हें तीन सौ फुट की गहराई तक खोद डाला था।

आधुनिक काल में सब से पहले माइकेल लावेली नाम के एक अङ्गरेज ने इन खानों को खोदने का ठेका लिया था। इसके बाद कई अङ्गरेज़ी कम्पनियों ने इस काम को लिया; परन्तु वे दो सौ फुट से अधिक नहीं खोद सकी। इसलिए उनका दिवाला बहुत जल्द निकल गया। माईसोर नाम की केवल एक कम्पनी ने हिम्मत न हारी। उसका मैनेजर बड़ा चतुर आदमी था। उसने समझ लिया था कि कुछ और नीचे

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