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भारतवर्ष में नशेबाज़ी

प्रजा को बुराइयों से बचाना और उसे सच्चरित्र बनाना राजा का बहुत बड़ा कर्तव्य है। हर देश का राजा अपने इस कर्तव्य-पालन के लिए उत्तरदाता है। राजा के इस काम से केवल प्रजा ही का उपकार नहीं, राजा का भी बड़ा भारी उपकार है। प्रजा के सच्चरित्र और गुणी होने से देश का शासन बड़ी सरलता से किया जा सकता है। देश में सुख और शान्ति रहती है।

मान लीजिए कि किसी देश या नगर की प्रजा बड़ी उद्दण्ड है; न वह सच्चरित्र है, न गुणी। इस दशा में वहाँ के राजा को अपनी प्रजा के शासन में बहुत कष्ट उठाना पड़ेगा। मार- पीट, हत्या, चोरी आदि दुष्कर्मों की संख्या बढ़ेगी। सैकड़ों- हज़ारों मुक़द्दमे चलेंगे। देश से शान्ति पलायन कर जायगी।

नशेबाज़ी से प्रजा की सच्चरित्रता को बहुत बड़ा धक्का पहुँचता है। दुःख की बात है, भारत में नशेबाज़ी की अधिकता है। अशिक्षितों ही पर नहीं, शिक्षितों पर भी इस बुरी बला ने अपना प्रभाव जमा रक्खा है। अनेक शिक्षित और कुलीन बाबू

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