पृष्ठ:संकलन.djvu/१६६

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ज़मीन के ऊपर का तार खम्भों पर लटकाते हुए ले जाते हैं; उसे पाठकों में से प्रायः सभी ने देखा होगा। उस तार के ऊपर कोई चीज़ लपेटने की ज़रूरत नहीं होती; क्योंकि वह आसमान में लटका रहता है। परन्तु जो तार समुद्र के भीतर डाला जाता है, उसे सुरक्षित रखने के लिए बहुत प्रबन्ध करना पड़ता है। बिजली ही की सहायता से तार द्वारा ख़बरें भेजी जा सकती हैं। एक तार-घर से दूसरे तार-घर तक बिजली का प्रवाह तार द्वारा बहाना पड़ता है। परन्तु पानी ऐसी चीज़ है कि यदि तार उससे छू जाय तो बिजली का प्रवाह उसी में चला जाता है। इस कठिनाई को दूर करने के लिए जो तार समुद्र में डाला जाता है, उस पर बेठन लगाना पड़ता है। यह बेठन या आच्छादन किसी ऐसी चीज़ का होता है जिसके भीतर बिजली का प्रवाह नहीं घुस सकता। मतलब यह कि तार को किसी ऐसी चीज़ से मढ़ देते हैं जिसके कारण तार से पानी का स्पर्श नहीं होता। समुद्र में तार डालने के लिए पहले इस बेठन का झमेला करना पड़ता है। इसके सिवा इस बात का भी ख़याल रखना पड़ता है कि वह बेठन समुद्र के भीतर पड़े रहने से सड़ न जाय, अथवा अधिक दबाव और खिंचाव के कारण टूट भी न जाय। इन बाधाओं को दूर करने के लिए तार के ऊपर का बेठन बहुत ही मज़बूत लगाना पड़ता है। इस बेठनदार तार का अङ्गरेजी नाम 'केबिल' है। पहले ताँबे का एक गोल तार लेते हैं। फिर ताँबे के ही भँजे हुए छः तार उसपर