पृष्ठ:संकलन.djvu/१८२

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से हार खा चुका था । तिस पर भी वह समन्त्र भूमण्डल का चक्रवर्ती पहलवान ! और बेचारा इमाम बख्श ? वह किस गिनती में !

तमाशा दिखानेवाले पहलवानों में हमारे यहाँ राममूर्ति, हिम्मतवख्श, कृष्णदास सील, भवानी शाह और जी० पी० गर्ग विशेष प्रसिद्ध हैं । राममूर्ति आदि कई पहलवान अपनी छाती पर हार्थी चढ़ा लेते हैं। राममूर्ति के पहले किसी ने भी यह करतब न दिखाया था। वे १०० मन वजनी पत्थर पीठ पर रख कर जमीन पर फेंक देते हैं; २२ घोड़े की ताकत की मोटर रोक लेते हैं; लोहे की मोटी जञ्जीर कलाई फुला कर तोड़ देते हैं; और आदमियों से लदी हुई दो बैल गाड़ियाँ अपनी छाती के ऊपर से निकाल देते हैं। भवानी उर्फ भवेन्द्र भी यह सब कर दिखाते हैं। उनका नाम भीम भवानी है। उनकी उम्र अभी केवल २६ वर्ष की है। १२ वर्ष की उम्र से वे कसरत करने लगे थे। उनकी छाती की माप ४२ इञ्च और राममूर्ति की छाती ४८ इञ्च है। फैलाने पर राममूर्ति की छाती ५७ और भीम भवानी की ४८ इञ्च हो जाती है । भीम भवानी बहुत दिनों तक प्रोफेसर राममूर्ति के सरकस में थे।

[ मार्च १९१६.

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