पृष्ठ:संकलन.djvu/८२

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प्रति वर्ष अधिकांश उम्मेदवारों के फेल हो जाने का कारण यह है कि चीनी परीक्षाओं की प्रणाली इतनी दोष-पूर्ण है कि परीक्षोत्तीर्ण होना बड़ा दुस्साध्य कार्य है। वह इतनी अद्भुत और जटिल होती है कि विदेशियों के लिए उसका समझना अत्यन्त ही कठिन है। इस तरह की परीक्षा संसार में शायद ही और कहीं होती हो। सब से पहली अर्थात् नीचे दर्जे की परीक्षा साल में एक दफे होती है। इसे प्रत्येक जिले का शासनकर्ता लेता है। उसका काम यह है कि वह सब से ख़राब उम्मेदवारों को अलग कर दे और बचे हुए उम्मेदवारों को, जिनकी योग्यता काफी समझे, अपने से ऊँचे अधिकारी के पास भेज दे। जो उम्मेदवार इस हाकिम की भी परीक्षा में उत्तीर्ण हो गये, उनकी परीक्षा शिक्षा-विभाग के सर्वोच्च अधिकारी के द्वारा ली जाती है। यही अधिकारी उन्हें "Hsiu Tsai" की पदवी देता है। यह अफसर किसी प्रान्तिक शासन-कर्ता के अधीन नहीं होता। वह सीधे सम्राट् से पत्र-व्यवहार कर सकता है। वही उसको नियुक्त करते हैं। वह तीन वर्ष के लिए नियत किया जाता है। उसका प्रभुत्व किसी गवर्नर से कम नहीं होता।

इस तरह अयोग्य विद्यार्थियों की छटनी होते होते जो सबसे अच्छे विद्यार्थी बच रहते हैं, वही परीक्षा दे सकते हैं। प्रत्येक परीक्षा में दो निबन्ध और कुछ पद्य लिखाये जाते हैं। निबन्धों में चीनी प्राचीन ग्रन्थों के अवतरणों की भरमार होनी

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