पृष्ठ:संकलन.djvu/९१

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होगा कि इतने छोटे गाँव से तीन साप्ताहिक समाचारपत्र भी निकलते हैं। उनमें से हर एक के पास कई प्रेस हैं। उनमें बढ़िया से बढ़िया और बारीक से बारीक काम छप सकता है। फोटोग्राफर की भी एक दूकान है। ये सब दूकानें खूब चलती हैं और सबेरे से लेकर आधी रात तक इनमें भीड़ लगी रहती है। इन शोभा-सम्पन्न दूकानों के सिवा प्रत्येक सड़क और गली के दोनों तरफ लगे हुए मनोहर फूल इस गाँव की सुन्दरता को और भी बढ़ाते हैं। सुनते हैं कि एक सार्वजनिक पार्क भी बन रहा है।

केम्ब्रिज के निवासी बड़े उन्नतिशील हैं। वे अपनी वर्त्त- मान अवस्था से कभी सन्तुष्ट नहीं रहते । दिन-रात उन्नति की धुन में लगे रहते हैं। वे अपने घरों को वर्तमान सभ्य संसार की प्रत्येक आवश्यक और आराम देनेवाली चीज़ से पूर्ण रखते हैं । सन्त निहालसिंह, जो केम्ब्रिज में कई महीने रहे हैं, कहते हैं -- "केम्ब्रिज के निवासी की एक मामूली पशु- शाला हिन्दुस्तान की किसी सार्वजनिक इमारत ( Public Building ) से भी अधिक अच्छी हालत में है।" केम्ब्रिज की पशु-शालाओं में (अर्थात् जहाँ घोड़े और गायें बँधती हैं) बिजली की रोशनी होती है। गायें ग्लोब चढ़े हुए क़ीमती लेम्पों की रोशनी में दुही जाती हैं।

केम्ब्रिज के स्कूल की इमारत बड़ी ही भव्य और विशाल है। यह एक सौ सत्ताइस फीट लम्बी और छिहत्तर फुट

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