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पानी के भीतर चलनेवाले धूम्रपोत

युद्ध के लिए पश्चिमी देशों की तैयारियों का वर्णन पढ़ते समय "सब-मरीन" नाम के धूम्रपोतों का जगह जगह पर उल्लेख मिलता है। ये धूम्रपोत पानी के ऊपर ही नहीं, भीतर भी चलते हैं। यों तो और धूम्रपोतों की तरह ये सदा समुद्र के ऊपर ही रहते हैं, परन्तु आवश्यकता होने पर, पानी के भीतर इन्हें डुबो कर, बिना किसी की नज़र पड़े, नीचे ही नीचे, जहाँ इच्छा होती है, ले जाते हैं।

बीच में ये मोटे होते हैं। बीच की मुटाई दोनों तरफ को धीरे धीरे कम होती जाती है। अन्त को दोनों छोरों पर बहुत ही कम हो जाती है। ये सौ डेढ़ सौ फीट लम्बे होते हैं! वजन इनका तीन हजार से ले कर पाँच हजार मन तक होता है। इनके ऊपर सब तरफ लोहे की मोटी चादर जड़ी रहती है। ये पोत सब तरफ से बन्द रहते हैं। केवल बीच में एक द्वार रहता है; उसी से आदमी भीतर बाहर जाते आते हैं। जब इन पोतों को पानी के भीतर डुबकी लगाने की ज़रूरत पड़ती है, तब यह दरवाज़ा भी बन्द कर दिया जाता है। वह इतना

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