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खोलकर दिखा सकता वो तुम्हें मालूम होता कि मैं तुम्हें क्या समझता हूँ। वह घर, उस घरके प्राणी, वह समाज, तुम्हारे योग्य न थे। गुलाबकी शोभा बागमें है, घूरपर नहीं। तुम्हारा वहां रहना उतना अस्वाभाविक था जितना सुअरके माथेपर सेन्दूरकी टीका होती है या झोपड़ीमें झाड़। वह जलवायु तुम्हारे सर्वथा प्रतिकूल थी। हंस मरुभूमिमें नहीं रहता। इसी तरह अगर मैं सोचूं कहीं तुम यह न समझो कि जब यह अपनी विवाहिता स्त्रीका न हुआ तो मेरा क्या होगा तो?

राजे०--(गम्भीरतासे) मुझमें और आपमें बड़ा अन्तर है।

सबल--यह बातें फिर होंगी, इस वक्त आराम करो, थक गई होगी। पंखा खोले देता हूँ। सामनेवाली कोठरीमें पानीवानी सब रखा हुआ है। मैं अभी आता हूं।