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चौथा अङ्क

२०७

की जड़ खोद डालो, भूलकर भी वहां न जाओ। सरकारका राज अदालतोंपर कायम है। अदालतोंको तर्क कर देनेसे राजकी बुनि- याद हिल जायगी।

(सबके सब यही बात दुहराते हैं।)

दारोगा—अपने मुआमले पञ्चायतोंमें तै कर लो।

सबके सब—अपने मुआमिले पचायतोंमें से कर लो।

दारोगा—उन्होंने हुक्म दिया था कि किसी अफसरको बेगार मत दो।

सबके सब—उन्होंने हुक्म दिया था कि किसी अफसरको बेगार मत दो।

दारोगा—बेगार न मिलेगी तो कोई दौरा करने न आयेगा। तुम लोग जो चाहना करना। यह सुराजकी दूसरी सीढ़ी है।

सबके सब बेगार न मिलेगी नो कोई दौरा करने न आयेगा। यह सुराजकी दूसरी सीढ़ी है।

दारोगा—यह और कहो-तुम लोग जो जी चाहे करना।

इन्स०—यही जुमला तो जान है।

सबके सब—तुम लोग जो जी चाहे करना।

दारोगा—उन्होंने हुक्म दिया था कि जो नशेकी चीजें खरीदे उसका हुक्का-पानी बन्द कर दो।

सबके सब—उन्होंने हुक्म दिया था कि जो नशेकी चीजें