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चौथा अङ्क

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तुमसे रैयतको दबानेका काम लेना चाहता है।

सबल—और लोग आपको इस काममें मदद दे सकते हैं, मैं नहीं दे सकता। मैं रैयतका मित्र बनकर रहना चाहता हूँ, शत्रु बनकर नहीं। अगर रैयतको गुलामीमें जकड़े ओर अन्धकारमें डाले रखने के लिये जमींदारोंकी सृष्टि की गई है तो मैं इस अत्याचारका पुरस्कार न लूँगा चाहे वह रियासत ही क्यों न हो। मैं अपने देश-बन्धुवोंके मानसिक और आत्मिक विकासका इच्छुक हूँ। दूसरोंको मूर्ख और अशक्त रखकर अपना ऐश्वर्य्य नहीं चाहता।

सुपरि०—तुम सरकारसे बगावत करता है।

सबल—अगर इसे बगावत कहा जाता है तो मैं बागी ही हूँ।

सुपरि०—हां यही बगावत है। देहातोंमें पंचायत खोलना बगावत है, लोगोंको शराब पीनेसे रोकना बगावत है, लोगोंको अदालतोंमें जानेसे रोकना बगावत है, सरकारी आदमियोंका रसद बेगार बन्द करना बगावत है।

सबल—तो फिर मैं बागी हूँ।

अचल-मैं भी बागी हूँ।

सुपरि०—गुस्ताख लड़का।

इन्स०—हजूर कमरेमें चलें, वहां मैंने बहुतसे कागजात