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पहला अङ्क

२७


मुनीम―ज़रा भी कान-पूछ नहीं हिलाई।

कंजन―इन मूर्खों पर ताव सवार होता है तो इन्हें कुछ नहीं सूझता, आँखोंपर परदा पड़ जाता है। इनपर दया आती है पर करूं क्या? धन के बिना धर्म भी तो नहीं होता।