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पहला अङ्क

५७

भिखारीको भीख देना भी लोगोंको अखरता है।

फत्तू—सच कहना काकी, तुम काकाको मुट्ठीमें दबा लेती थी कि नहीं?

सलोनी—चल, उनका जोड़ दस बीस गांवमें न था। तुझे तो होस आता होगा, कैसा डील-डौल था। चुटकीसे सुपारी फोड़ देते थे।

(गाती है।)

चलो चलो सखी अब जाना,
पिया भेज दिया परवाना। (टेक)
एक दूत जबर चल आया, सब लस्कर संग सजायारी।
किया बीच नगरके ठाना
गढ़ कोट किले गिरवाये, सब द्वार बन्द करवायेरी।
.....................
अब किस विधि होय रहाना।
जब दूत महलमें आवे, तुझे तुरत पकड़े ले जावेरी।
तेरा चले न एक बहाना॥
पिया भेज दिया परवाना॥