पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/१०८७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

Yr सार। समी, पौधे आपस में भिनाजग प्रेम। गुमा मुम्न में मारह 1 faula मा पिननी पोनरोधमाशान 41 ह)। 1ोलन का पासप्त, यमाहार, जति (दी) [E TR पोडि फनम्-गा+मित्। भी पास माम माम पीना, चिलकर पीना. तणन । मा पर मानि}। साम्बार काग. पृग करना अपान ( किला-का) । मप्तामा काम 2ब मोरना। पणन कल1 जिस सात मम्मितमान मा-बार पजेव · ...11 पो वाला, संपरा, PEd करनी बागाह विना रेना गाना 2 पमबाणा, गमवाना एकरी पम वादिका, पाक समान, सर्व- पाल | पल-पाये ! मातरि स्वर व भारि बाप्दागते साता पाषाग्निपरसपा निणय मामि +-+n;क कापन पाएगे। 5. विभअनुमान का पम पमण्य मित्र विमान प्राप्ति की कमी का दर्शन - H] HA img Ir) 2 मानीप Parifa (सया (प[मन -पन् । मानवं. मात मे: सायपराएल गमान हल-न. प्रका: सायवन मपल समान सन्दिप बहानाकर्षमन नान ! का पान - RAAR ] । [रुप-मिन ! मालप ... artथी, प्रभाती.. गो. मा. मात्र 10iगा निता या समो| मगानी भर 1.2-पु.जमा चोमा परी ओम वा अनुभष्टि नाक, परिना ग मलपम्नी. प्रमिानो महिना. पौर (मु०-2 भागबामनी, हो गान को इमरी मा) दिन गानोप माम मरमान, सू. पहल :-बार समास्या र .. मान fer arinाराचा (प.) पप ससी ( विपरनी] एमा प्रा । हा विगविला. अशा | म पप अपनपट 1 HR अब बर्मा पराप, मि. पिन पूनाव 1 इस प्रकार गम मारा बिहान किपर पुष गुसहनु सरीर मिल रुषि नामक महya करा बा अावन पराक मास पारी का समुहको मनमा निको दुनिया बा है), मारिम fea... SH सपनातिबा पिप : T-ति) -माल जप-in f. १५ वेजनीश, पकायापालाप । इमी.) अलीमा- in मति बनि ती | - महप्प - | रमा । जी का मिलन, माग पू००) म. म. फोन. काम मनमानी पौर पर मन प्रयत अनस, dat 4 पनिया गate.govios. 501 गपिन, मन , माया, पं. मतिः यो पर+याप] 1. भा. रा. {म्मी.) बमानने, - महान योनित का एक माधान मोर पवबनेर , रेखाधिक सिके बालमियपक विम्याचन २२. ११०१५. an utiमा. किया जाता है. पर प्रकार सतलंय, पषिर्ग: काम कराम, पो भिषण में मत नाप विमापान ton] 1. माना पम कला (सचा मोर दुलहिन मिनार मकार के एर नामाई गाना। लमर पर मात ग पिकाबले-पसके राष समिफ[भमार गिरी मृरपुरुषो निबापो का बम्म ब. विवाहापाना बहर हरे का है. प्राणि- Sata स- मनात सिरो को बाल में वाय. एक ..."NNEm. स्वामराय- ममा गिदगे को धितान ने कारन ची, लोपाक्षामा ५२. पर-३.५.९९१ - रस का पेर, मुम्बक मोम (नि.) पायलिपिम मि+1+समान पितरो मांसि च (बसे किर)- समाजात हामाया कामे पाय का मत का मनप, विमतिः (बी.) मत्तान, कि पृष्ठान, (यह भाव लिही की पाप . to साता am भरा- 1 मात्र पर पर्ष चाप लिपा बाणा, पातु मांस कोकीन मालको कारक, शर्मिी