पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/११५०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

1 रोकने मालाममा बाधित 7 डि करने वाला। तमाशायी परिसमाम्मपा ममा दृपमामा सन- माल करने मात्र मरहमा, बदनाम । टप न्यम मार यापु सन्चा मामा का नारे मिलेगा । ८. मा । पा, राको हुना 12 नाम सार्वापांच [ +re] | मना, नाना, बाल 1- अलावा, गयाना में पिक का कामहाना 2 बादाम मा ua 1 मन पर, इस, मत्स्यो, गोवानि हु+ne बिमानी 4 रोग, मारीमा एकपमा शंप, पाप, तिश्योहा. वारपन का बार। 6. कटकाला समन (M| सनित (..) [गन की 11 नामा भाकर्षक रीति बने पती-4.1 गदापण, माहलमा- ऐच... बरस रहर (नदा परस्पति कला । मामा पाप बालो की कहा- समाः परर-कविधा करता का ...मनपहरी माम्म या प्रतिमा का पाकिसमा । भूविकल्याम्त। मंग.१०१राव, बारताती तमा पर.gn ayo सात सात- कमानीवाला निए 1 are करला. पला. पूना साम् । न मान] मा । पुल यो'- विनय प्रतिभाहना ! सल, टिना में मामला पत मामिः म पार पाम मेना मातमा पर माना नानक i स्मा. सदमाता मया' पुस्मा भाटिरे तर अहि. १०।। दायालय मा १०५ माण कानुष 1 चमकला भान परला ) विजाप करना। Yriv> । विजाना। स्तंबा T+नपर। सन- [म्लन | 1 को होती मी ! प्रका, पण मुलगी वा मनात पला काम किकृतीला -मई २०२.. (. नाम - पंप ४५, नाचा कोरबा | ध्येय मीनन्न भिनास्वास वसनिय नमः ! सतो, किाशता में साल Emol नम :वान मोडो पर मुगुरुवातीला पारारिष्टाप 1हभा. रा. ! Hary R. मात्र सारत का रा में पल शाह हम सफल विहीन, या पत्रो-बलराम यो में मनो वा नाका पर. वचन पिर इसरहा, मोर, हो । मोट. फस गान ग, ताम्बर न समाये मांटा र वरप रष्ठ उHT. SPEI HD मौर का म्यान न माक सूत्र हिनाभरे कज मितिम कान को रोक (0 तर न. रक्षा का एक मवर होम |चि०) निमको पाटन (जोपाली पथ का कव्हा बसा है), बीमोग मंगका । | Nati तनों पूर्णा शाम कोरोमा | सामान... 441 मतम्या, ना पूण निया स्त्रियो ग वर स्तन है, सना. कहानसंगी। सुविधा का स्नान, ग, गर समय (यो०] [सार - ITY |1 terता कहा- -- बालिन मान पान करने वाला महा-पश्यम् जन, स्ली. अपना पल, चना बारप. नमनपान करला, पानी भी पूण्ता-पाहा ANTI भटना। चिनमा भूप्त समपरगावीषया मननाम-स्ना" मम tी को स्तनपाना पुण, एक (M, मेका। धार मानिसमा मला पनुकतने सारत । चुनो। साम । म्याप मन मग बाना, यातुलनामा । माया [वि.] 1. पान. नामाच. कोणाहून शाबमा-अमर सिंग, एषो.]1 बाम सपुष बागा, गा, (गपतये का) गाया र १५ ला पोचेकी पृमी मेला काहना पनिष पना। + सायकरिता में ब. रमा " मानव (पि. विनासएस्क] मार, र ५.१ ९हापुर IR, मास्यपान कर माला -पपि वृष्णो हरिराए स्वनः । प्रय हित झारी हामी सामने का ना बना पयो गागा कौनपरिपिता मही भानि-१५ : • ता. मनांबता (atो में सा')