पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/१३५७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

।" Enr [२०८- चमि र दामा, प्रेरणा पम्प -मामाहार yि fel काति। का मा बिहे गा न (वि.) मफ्नो प्रतिमा पर माल का hिta अपां-ब. जाता। विप में होने वाला बभि पक्तिकों को मा - 1 पनीर मामा पौवा वेदपादस्याः पार्थ बीहि बालि-म, बामक एक मिवरण पर बाला अलि मिरीय जानकामी बने । पिं[बोटामा ] 1, 2. बोका 3 गरब, बनपक्किम वो गरों बप को मौत की नाम काबी नि । गांव, मा। सपा-मामाना, मर्मा- दी। बात-पाक पिक) भोगी कर गुज, न ( [नि मुष | मोतिष का पारित बस परवान। मारिन बित्रका यी गलित विष । मामाचाही पर । मिना [म.ताएगी हर कि दोनो ओर पार ! बेमान १० मा स्तमाम । थी। सासिन (वि०) पिनारे से बाहर लंबामा । [+] माया ! । माति: [-] बार, मोना से पर। म्मूतेक 100 गस। बमान. [-14] वैश्या का पुत्र, चाया। जमव [.तगत रेबरवा।। मेष्टHEETH. चिरे ताम्सालय बनिरह। का मारमा समानद बना। कारिक [ [मार1. पावली गुल०) एनी मम्पन । लम-mficertainामवत्यह स्परम वि.) किरगिए । त्रिया. भा. ३५0/- प्रीति को नमक वोमिका का मापार : कार्य नियार, परियान : वामम । -नाका एक माता+M] कपा, का पामगा। बापी विरू] नियनमा एमात : पारंवार : II और गक पदर का । पनि | 1 दिन पाई, पारी। बोष पापिषमापन। Far-we ] 1 1418 पाट पि मिनिस्+का सिखाप । मागम् । निशाना साना | आमा मात्र । जा। चमाजममानयकोला पर गाविसमत बम : रन, नम | गया, दुरू। मान्छि, रेयापाय। [+] जन : पवननिर्माण के लिए मनावर विविधर+मम् । तद बरा! सरण + तौर : समस्यामा परवानीमा : मनहारिक वि. [यवानर महासनिक i - मुनि (पु.) पत्र। समापस गाम nange Mबिस्यमापोतक | भूग-सब ] 1 गाय वाणा! सन् । पाल (पोझी गाता । जराका रि++2 ] अमुवा..। बाक काना, महारमा । बरामम् विरुण पाप गस। र न मानमान । SARV किराया। गु+न ! 1. फिर ममुक्त की गई सपति को या मरमसला। पास में बठो ईपी. वन संवाद, रमा । मम् [मितम्] बिना भाषuvkse मान सम का पद: समाल+मन विचराय। सरका चामक.मनीय। कारबाम मोर wed पपीस कहानिया एकल 1 बाम्म होला चो। [गि मन्त्रों की (m.) खातार शाह मन नमबर पनी सारा कमारा। ive मामा - it, ।