पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/१८५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

f) माम्मन (16) (स्की), बारमान (N.) एमाल-1 पास पर सम्म पि का मारावास र ? बाधीन का विसम्मकिना मैं सपा-निनाममा विपक्ष i- Enyat माधिमा । सम. ८1५1 मान (म.)aiframau । साम्य कम्पो मागोन मस् पत्र 1 पट. बगा | मानि. (.) [मा+खान] 1. हवामाना। आम्पनुपरे भिम बहा, भाम्पकमलम् . पहार, पीर, मारला पोहना बिधि। शुभकामह भगा जिससे पनामा काम लिया | बदर ( बिह+] (समन बन्न में) पाने मान tagram-गापप. अल्पम् मारि। चमा मामा, हाल पासा. विमान मर. भास का बाप, माका कमम, कार पामा मनिपुषफताहर . ३,-01 मा, 2 सूक्षरममा)ो। घड़ा करना, पकाना 2. पूरा करना. अम्मन्न करना मापनमा स्पस्पर] भाग, रिमना । बा करना। आमा बिभाप वपी-1+ मुमा मुत्तमम्पनबाहरमम++द। 1. में माना, (निका) मामा कर बामा। -ऋषिगणाम प्रस्मिता नम्--11 पार आया -काप्त गप्] है। मामला : बहकान ठाना, निवाकमा सिम्पस मम्मा, आम | मन+मण | अभिर | गप। मूग पीने वाला. (पमानिक पुरा करवा विवाह के समापन राम । को उपहार के रूप में दिया जाने वाला देश, मागम मा - मूमम] 1 पोहा, कटपुष झक, मलमुला एनीको --- पाए प्रवण 3 रमा मालिक बन, aaai | मार भाव 1 भूक, ग्राम, सजाई - एवं अगम, तक्या बनतो हा चामली का जिनामाष्टोन-रम.प स्पानमा दादा भग: कारनौती, माहल, काय माय ग-पग | पाब 44. निम्मान समान की या पत्र- मामकमी पट्टाने सारा कर -लि-१५४ माया |+मानानाना-ना | बहकनम् ++रा पत्र --प्रष्ट्रगलनमा मन्म- पापा-कपाका.हि.११२ माप nिtel भाति । माला मानापमानो निकायको किम् | बाहनीय (6. [गीमा | बाहुति देवक रूम मं० 4. धुमामाला - योग्य-या गाईपानि में लोह समिमन्त्रिन माम्म, मापभाग लगा, अनुबन करला, कानि.) पोन माग्नयों में से एकपात्र) को पत्र में पतित की स्वागिट मोष बाचकरसपानम्म पाती है. अग्मिमा मन्द निती। rge 4 बाझार मा.+21वा, फा निकट मास्कम सिद-गि-गाना, मामा । milोजन करना बन "तिमकरोए मम मम.) |मारहा-] निनाकित शनाये -- म.भोव- किमा । मम - मोशन का को सोनन करले माना मिमाग्निोस बनने पचका-विरह मान की कमी पूना मामा-म्बर- ममी ( मारवा (ग] माग च) मना, सपीरका एम. सलीका। भवना कमा पातामा बसेको मन का मास्त्रो | मार्म (स) पत्] 1 का सदोष किया माम काल के पपा पुल केक प्रम मोपनाने वाले बाम पीय पत्रा का मनिममा म (भाव पाचरमों कृषिमा मिमिक, माग- भादार्पशायाहतपणार्य मामुमार पहा हारमा सबा गाय रविवार. न रप्पयाहापंपरी १५:-कि- बिहार इसको लेकर मा मानस ४.२३.१२. पर मनिममीभिमाप, मस्या इस बारे मामले सजाय माझा. गपत : डा. कोयन पE का काः माल, गौर पाए। बारोप जिपके विषय में बता पूर्ण पावकार गा (म...) HI1 होता है। भूगार या बाभूषा में मोतिबा पवा- पहार या गावात हिंग पापी मा (बोक क्लि, मनप के पाए प्रकासेका बारिख न पाए पदुबार मूक्तिबि-ब्जा मा - । मन] पहनो को पानी मनाने के रोन दि२४ राक, मागहमा गुकिा सिमामा बनी एकाम, बाढ़ाव, (गचित्रक)कावा एना (पाता मिया काकार 4.मणि २२ अना विसर