पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/१९९

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14) पचारिधीवकनिष-काम-मायणमितो- भानमाला मात्र भरले मला .Me कानामनामा १५ 1. मष्टा केला, पूर्व सभा, मुनियाका पनिमा पसा- मममा. म.] एक पर कामकामा गाम बारमत्रित निरग-पाच-पंच मान्य मन भाग ज्यान दिनुबों की बालगुजा मित समयावनिपता-ग.स पाली समिति बोलव- नावारी अनियमित, नरदोन । विमुको ना किया--मेगा । रमे [++गा] 1 बार न+मित्र+म्पट | मारवा, हम कर देगा 2 मूगल, कारना, काम तमाम करना-पीरविप्राममा सिका। कर देना-मना मवानाकर पिणाने-पु. १५० बहिान बिबाहमाचम् ] स्पष्ट बाम Jमपण। का (की गलन) होणाहमा उािमाय रकन-पप ग+गिए, प्यूरो। भानी - Rin हलवणामाहा रोम (नि.) [E ! बम- मि. मुचन पनी, पीरिता बरकाम्-मा। पाली, मुमा मेन बाला-ममनिति ([12 रा ना. गाया अनप. भन २८ मा. ना ना सा-नयाभरनाम्जोषा मियागंजामि भजामा पुमाग, मुर्माना। 10 रनार, मामा,+1 रिक्षाम. जामा | उस : पि+सर बनमा मारना : मोर टुकीपणासारण गरी बाकि काम होगा उडाला. उमाल: मानव [++म. त्यूल पा 11. बम्हारे 3ऊंगारं. संच मारोरिक मार निकडोचार्य नाह माना फैलाना, बडि । पुपटपमप विाम्पमा सम्-... ([पना कमा रहनु 54 पिका, वृमि परा', "-4. और विमके पाप को ओरोलो हो । तर मीतापम् --4315 बमा । [+न-अ उवा, चाहीय, वचनम् --बि.स्पद! स्त्रण. गावाम। कालिमा-समस मनाए -141 पyि-.ग.4+1] 1 पक्षमा हमा, पब, मुन्दर-मनमल.- yि 2 गाया था. मागचा. समा, बराहमा पुगस हा अविकिला-- पुन, न • पेवा निया तुम मान कान पैमान-सम्मना। ममय महामयि को प्राप्त मानी । पल-लट ] 1 बरा. पाख्या मिति : उमा 2 काम्तिीपि बमान बना) 1 , बाद प (तुकार चाति, रिकता। 1. मानना, पाना नही माना। बोना, शिलाममि नागपि निमतनिरासपमुजार- रचय (+) Firma) पकार .. ५.... मापामोम मिनि पपांग) + गहरी आस मेता. मात्र बिना पारम्-महाक. चूप में जाना हमा: टाका. काना म मार महर निकामना ! पर सिला बग. गये जवाध्याया- दान विन सरोबारा-ब. २.. माध्यमित-रक कला, बाहर निकाला-पोषलोजितम्यागिना- दोन्समिनावमा-मेष: 14-1 Pाम, मात्र मुधि.--..। - कोरामाथि- 1.2 पल्प, बम+म] बारत मा। किमान १ मांस बाहर निमगमना-रषदा गह गाम का उधार, परकम ५ हरीर में पाया पर मानि, किन) पाय एकही मम्मामा गम्+स्ट ] याममा, तर गावा जीवना। माल पर करना, मीमका (एक-एक करके) -मिल्लापुरमा सल्यानम् J1. मांस, सो सहर - अनु.1111 अपचनम me मामा-मुषोल्माताबम् | मानवम गाते गाजीरचा या बनाती पिया स ... पानी हामीमा, सानुकपकालिमहानि-४-५४८, पा प्राक। थाह मला आश्वासन. साइन मन:शात कामात अपर कली का नया भरम पति-र (भलिक) मापाच बीविका कमाता है, तबमानमा ri (कि.] (जबाम+न] ना कुनकर मेटपरले पाम।