पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/२३४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

( १८ । te | बलर अर्थानबा, मो.का+मोगली सामग्रमा ममस्य-4] पनी निमम मा जे पा)-मनभानवम् लेमात्र। मा. अनु -2, 18tu माँ | 11 नवस माती परका मागतान [जलूमत करसरल। मोगों बचोककृत्तां। गरिन । [रस+M] मा +मई/ मदा यो। M गत गामादिधम्मलि+बर 1 पाक पकूलः | नाम्न काए ! मनगर, किर को सोच का किमपि। पानं महान समे का [अनुगमगोपि सो नदीत - नर+मग मी [ J नाम सा पर कौरमाला की पुनाग, + गांग ..] पदक की एम दिन र महकमें नाप रहो, जसको पति नारको पुजवा की कनी मनी. उशी रष्टि गर्नुपर पहो। पर उसने कप पा गुम हो कार मास मिटमा ! उमी मोरे गई. फतः तने मनमा पप घर पासास कोक यतो पित्र और नरम का गे म्मनित हो में किया जान का बही पनं पर का--क्षिा पर मोर गार करना। मन में प्रानं आपको बरलोखर में स्वीकार [समय | पिपरया द्वारा प गित करने में भी जिस नर्मन ने की नाम का और लपकी फनी सौ. भाष स्वर निक:। 'गगल नपाएज मिको मिलतपणे प वेला मा गया की पैसा हुला. पर मुबान और किमकी नमोल र अनमत मात्र पा । पर पर्वका बिरबह गणात अपर उठी की कुछ समय तक करना मा हो, परनु पाप की महापामै पुगण प्रिफा)। अपाप्ति पर फिर स्मगतान गई। पुरषा मला [M-का-टाप परेप मामात्र हो के सके ने वन जग मन्द बन माया दाहक नरक. एक ... 12 एक बार फिर समे प्राण पालत हो गया। मांश १५ पाती दुर्वममाही, मग मि, से साम्' गम का पूष चाल और फिर बाप्ता--मेच. ५३TR-गरम (MOJPामो पाह महान पुरुडा की ओर चली गई पाता लागि गरिनाकः एक विमगांव बाया माई बानो में भी. रुषम वा (मरिया गाल)-अनु. १२०९. पुराणों में की गागा मुनि की रमा उत्पन्न बताया गया है। मामल-मामा-महापा. | MAI तु. काका भग्वा। 2 ITA! mi] एक कार की कली. ३०- +नाम]m सनि । गर्माकम को [जीरः म म 1 गजल (422 [Jha !! पूची इस पूर्षिोलमुरुम पानि ना कुर्गाप पर ना हो पात (बिर बाद) नोकामगाणे. ३.१४." कतिपयतोप - वि.11.Faily 10 पयो, बाली खूभी शान 1.साडी, पर-14. Jain, f-.--नगर,...११, की सगार मार- अप्पासावणो मर्ग-रमु। 1 पररचनाग - - कृत ( राजा भर [उन एक सम्म लोकनकी, प्रशा -प.पि 100 मन मिसिन लगना, बम+म.पताल 1ला मेमोपक करतापमानामा । --गोगविपरिबीतपमानवात्म्यिांचा विधि- | अम्बर [+मत+म! पोष, नागपो भवधि-या nिel करनाल नेपालमामा तोपा। बध-वैतव्य। [+अपारस]1 नलू मोककोण बार है कारते परि विना सूपाय कि दूषणम्---..-मा लम मुरमा संविधानान-7 PAY HBामापुर बामनिया, प्रसन: स्त्रि। मलाब (रि-हा- रोग. रोकाया