पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/३०४

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१८८ -पन्नों (नी) गीता पी, पून म.] पक्षिमो का गोकमा,-कमालपोन- सो फुल र उपपडेटा : ए त्वनिन कुन- मुखुन्हा फुले कारण पर, मैं- प्रमशाला - वृथा ॥१०.--पूच्च1 मम्मान | गवान, नाभा मात्र, गम गण नबल सपत्र पाल-परलम्वनि। जाम र म पामः-लिलाव-पास लगा देण्याबापान मां- Sar, सेना, प्रवन नाम पू. पूर्व पुरुष,-- सती साजी पाला, aira'पर बहना ।-NT --ग्रमा गर्नबी पी को गाग्वर्ग, मान तापमाप | न - हा ] Tum Huss, का ममान आ निका. मागी मुन की चिपाप नरवाना, समय। नममि मामिलामा मोति हमाम कुन : कालकार, समान नाम: म् (बी.मी वाल व सनापानी श्री. मंनियमन प्रागन दादर-गरी - मूल मि (मत गणना कसा मर्ग। -विण पुरस्मारत बाषH Onमाप्त जान | कृति न ग || - वि. पुरातिनः परमार मा राप्रपाक 0) इन उन पर इतना अनुनयो पुरम, माल का नाम पतिता मे ,म्बन-. xn. -कांसाधम्पनियागामिव पुकार पनिमा निडर वाकार ममा विश्वयि लाजिम्पति- मानमा पर 14 मर्मान को भाई ~मामि ११ भिम (पू. किमी पूर या खाम नही पाना चाहिए। धमिकमप शामिपाक में उपत्र गतिमाल कम 1 जो किया । कार-मार की कि 2 मम्मानित पनि स्त्री. नौ! हुन नि | मौन, चार में गगना-मन-२०६६. समतली.) भरुषाय (प.1-01 मान नागपगपाए ५५i ME.|| स - 5 | देप गया उन्म (पिनियन में उगन,-, अंग प्रमझान मेलार, यो उक्त पर मोची, ममी-प्रवभि-! कांता -रम ifi स गरि नाराण प्रति र मर० पपोषागान गण -चित-11 की प्राचीनना पा मपति। म त गनर तो में पपो. मोम का पम पाय र मित्र कृष्टिना मुल्क jि+ | अमर कुद स.अमे धाव यांना विमानातान५ गमा आ...1 मिलिया की भूमि 2 नगला - -n. K. १८. मना ६ बात ITI I+Ar" मषः समः -पर, 1 ग़रत yatrani का समज नि पद तक के हको का प्रमा पालि मा. नश्पक मन की विनं पनि निगमप: गां एक वाक्य बनप हो! उदा ... कुली [ ति दीन | पना हो पर कम, बसी मानी । १+14-1सी प्रकार | लोन (नानुष 1944 का, मध्य एम का, प्रया | कम-ब - रान पाकरम भि चारिणी सी-महान पान १५ । मनः जनम परिवार में महापबामाको -पी' प्रधम वारिधी ती कामगा। म.का.-कानगर पोता। हप्तः [प्रयः ठ-लाइन |म | कृतीमान भूमिगत भ्य मति - कृपोन- सो मग | PR-म्पा | "मां दुरषो. एन. 'मार. -- M.पि. कृमार-माल | 14 | गा. प्रकारक दया 1 क्या की रात्रि. गरीष : माघर (वि.) ! ++ना मुम ] अपने पुत्र का | नम्बरको गमिका . मुंकाविर गुण व मिममिता बताने गा। इलाट.. गमती की। समर - [क्रम-:. मित्र, मोर ! पर (या एवं देश और उसके पासको का नाम : नम्बत् । कुल+मर, पला भाव न, मरने सस्थत्वा रुन् । विषा, मूर मापोजमा - | काफो, .ककार का प्रकाश। समाधि गगनकुल पखिम मप मम-+मा मेल्याने।