पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/३१६

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मिप भी : वमन के निप्प ने कम ! +का+] पानी का पा, सुंगा-गोपा, नाक.ग, मरिफ तमा आप भनेक लसीकोपार। नन मत्री, महर्श : निराप । यन मकुन का पनि मिष मा, महाभारत बा [+] 1 यो का नाम, पाश्मों की कपुर में बसने मर्नुम म सबकापानी के करनी --किस पिच मालकी एकनकी हिनन्धरी र कला की सहायता की कामना जो मनुलांपहन समूहगी। का मन कारण यो। तर कई अबसर माये, नागिन+शेष ] बाली मारने । नरन रुपकी सहायता और पकी कमानाप्रवण शनिबन (पु.] [म | निच ] कातिमा, शालान । मनि भारती को मोई और न जाने दी . मादरा का | वो [इला-कोर ] इंग्री राम । प्रभासदेर में सर्वनाश हो जाने के पश्चात ना बहाः नर-न्द्र, काणे] 1. बभेरमा - दायक शिकारी के माप का, मब पोलेन, शिकार उभर कमा, ओमना, हाहमा, सिर-बितर करना हो गईं 1 को- १६० स्विरी पो. पर ममणी, सभामा [मी) का विष पिम । -समाधिरमि पावताविपरमूनागरिरमार कोध्या योनीत किरहिसार की। कल नामा मात्रा १ बावन की मालि. दिशि हिनि मबनवाना गोहत . ths. काप्तः मा-तू-बहिरम यतिननर तम सण मनोम मामक राना. ना. धरना-हि- १५, भविमति जनम-नातक ८. उमा पुत्र प्रपन पा)। ११/२ -1 योता, पर- II, .. महाकार का निशान प्रचंता व्यास " अनुप वाकिरति समम्-04-2 सपना 16 नगर को लो-म् । शनिबा, कालापन [भाषन या बाबा धाति के लिए]. पुरा हर्म, को 3 भवन पन्ना पुाली 5 माला मित्र (चौपयो गेर पक्षियों के समर्म में भिया का 6 गीता : मम:-मार नमः। एक प्रकार के बदन रूप वरिभात जनता -जपनिणे पंषो . मेसी-मत्रत बस पर्वतरिम अमितम मुम्ही नक्षार्थी या नावाखाना- काने हरिष काप-अमgi! अम्मामा-कि उसार फेफना, मोकार करना, मिल सत्ता कम होता. कम्बा प य ताहा, समान, मषिण मा-लेना. पेंना मामा मसूम IT भान नमो भाषपच अप को बयां -पु.१०. मा-तरों भोर लामा नि, राहो पा का नाम नि. मे गोमूलामी शोरला, -पर को चना, अपर की भी-आचापा मारा, अपर प्रकार फेकना, भूमा, लोषका मांसला मा सांप.-भाषा क मा कोपिक)कातीकात करना । लौ करना, भूदाई करपा, मति मनाम। पासा, मुजरिम दृष्ट, चरिंग, पोणे, मार हामी -नसीम एच नामटा निधानिकष संत्रा, काम-न प्रकार की बहन freम २. ए.प.विशीकरति) कोलकाता अगर, कोमल एभान-m आग, कारभा, र पहुँचाना, जति पानाला, की -सामने नाति महापम्-- र.. 1 घेरना : गरिमी परिवानिकी मने.--.4 विक का नाम:-पर. होमों की एक शति पर ३५ भोपना, ना. गौप्ला-की मेज परिसीय मलोमतको से स्मामा हुन न. पाप मनी-पू. १८३२.स. 1 नोरता, ना मी पाई-पायमः व्यास का नाम, पहमरणप. कना-प्रफोर्ण पुष्पाचा होरपग्नोरम्बाकरमान् कृष्ण समापन याचे गोला पाठ -१२ (व मादि) बोना, प्रह- का मरम-अपः काना पण समृगस्थ (पविकिरति मोह पहेमारा, सति पकाना, माना रापालन वनमाना गीम-पर- -मिशा अनिकाको न---- बाला का मूहमादर, रतिया बगला. परना, छितराना. फैसामा खत्रा पर जाना पत्ता- 1 कालान -९. मिरा९. दि. ११४, २५, पूर्व.-.) 1 भान- शिनि- मना होगा, उगार कला VIf, १२. नुसार का नाम नाच पुण: सम- निमामा, मम्मिरण करमा, एक म्यान पर दुराचारों, मुल्ला-मेगा वर का नाम-स्कृमि: पौरा, पाथर पला, बना, परध जा, नार-पार निटकरए गमागमारे हाच बीमना- विधि पाभिन्पकार्मुक-तमासा, प. (मास-पात, भीम) पति भगाना. भानिममंग का मिशेषण। पोट गहचाना, मार करना। एल्बमम++लिन का पाया। पात भुरा उमा-कनितिने, कोक्ति) 1. उमोन