पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/३१८

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६.१ ) सम--- माजी विगोकम् महा बाका मिष, सांधायकीमा मनोनिन-मामा- मग एक बूमो की बरते है। कबादक-अमित अममा जाति, तपन विभागष्या, समश्या, मोच चार वर्ष काबा - tra- हजपनमनुगम्भी-कृषि ली.) नौमा. दुपे मारमा, पाका । पली-मबिया पावधिक तणा, विजय। पारपासि पारीजम २०१०] 1 पाचो भाग लिन भोक यूए । प्रमा वलपराबाद काका, माया पार की [प] 1 मेस, श्रीमानोमकोटा । ममा धार नामक पहात को हिमच का एक शर fami मनामिनाया गती दर कोषप्त,-नो भामोड- 54 का नम। ममान मिट्टी का बना मारिका, बिम, काशिन, मनोरंजनाचे एटा लामो पनी हो रोने--भिव मला हमा लोवर। का मिमांपा। रेखा मि.) [कंपनं पूर्ण"] 1 पिट. एका लार [ के मणि बार- बम.] 1.सर 2 बोगटी सिक मकब मोहा, राष, एका एकमात्र, गा4MI सहा-साहित्य समां चिप प्रतिमेचे सक- निपातः [ के बमे निभास्कीमो-+Ft+पर+गित्र का गुरुषि-०८५, न केवल पम्मा प्रकृति +] पाबार, याबापू मोड नाममा प्रमालाम् ॥११, १५१ . जप 11 पुस का मासि बम का प्रमाण पूर्ण स्मय, परन, इरा 4 नग्न, सनात बजती मान से पहफा, मगर, लारी और रिमार भाभिय, मग्म, मित या स्माना कि, भात बापता मानि-पू.alys, पुर,-रमबारे निरस वा मानि, पाक चित्र -p/n0 बम, हि, मात्र, पूर्ण, ममताएका, मिलापट, नाडकावरान निशान्त, नष-पकामवमेव पुसभि-कार, भिनन्ति पल्म हा न चन्दौमा-मा जम्-मपि मिने-मिनिमन राहा १६.१.१९-- एकसय । त्रिगुपन्लपि पोरना TH-41. तुष रन बनशिप मारत का एक प्रसंशन १.११.२० गर-मानक) परम और इसने निजामी - मा.मा. रम. रकमा ही जिसका भार है कि ५४, हो(वा-1 का स्वी लाकिक मोजान मंट काम में पनीगर योतिपिशान। हो..सी प्रकार याकरण। मा. पालति तित) हिलाना तनाब || मत लिन मन, im. ममा, नताशी बोला, भोग परामच या के मित्रिय राना। i निट मि। Home [Reण नक, माबाची कमा वाणा पर की inी.) 11 ममता te [मेब विलाल सीमामा-मेका स] एकमत्र मारमा की एकनः परा विवाद का अधिक। पाता। (सी.) [+] 1 मेगा मेरा - Tera सातिमा- मिला मन, मानोपाच 2 माबोह-मामाद, मनोमिनाय-चिजम्मपिनुमत नान किराए परतापग- १८ गादि- लिहि माविकरे बिनाभान . 2 मिर के बाल-कमेघु नामक पुस्पको मिलात परे रामाकामपार्वति यमुना -मिशा मुलगा-मनुषपणा- रन बनय ता, ममम, अनु ८।३२५ । -10 पार पाने की ममता पालाम, मन्दीममी-- 4पीरिक परामविगेच एक पण 1 - मोडा बिक्रिता, प्रकार का मुग्न्य नेपालप:-अतः1 गान का गंगा मय मयांचन सम्पनी की बोला, कि मिनीचटकने लए उप रास, बालो का पुण्या नाक नामकर पिट पहपाज पहार का 3 पाल स्कार- मनः पापा अधिक वि, लि, कामदेव की फरलो, की पा सुन्दा पा.-पान नपुरी टोकिया एली की छोटी बान, कृमि frej मनाना, -का-की-...- तोर-जी ॥२-को-नारी का पार, पास की पीयो, यही चि.) बात: में पनका दुबर, मतंक मया, मल:- hame मचिरम् --- -प्राइम बात का पानाबालों से पमना कम् गमोबमनन, निकी समग माना नामह मादा बारममा--१२९. पापामत,-पर ( विकीवापर, विलासी, मामोर मेर ५० मी सार-सएसपः-का-८ . . 1