पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/३३८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

( संह, ण, गेहो गितमिद मम्मानिरिकन गम्मिबिमा पप गणा का विमम पदारद Y, जोरत (C समस) 'अनि, 'रम। अन मगन राक्लिो पुर्ना, मसका पति, अवित मान करना, विनीला, -iuni अधुनी नगमकमा एम-ने सामोमिला। मनुवा गाव या म. मिन+व, ११ मगामी का टूमो अमानिनाम्तर --महापूर नवी शराबिम बहि समारहातपाय म+वम् गो। SET का 'ग, पिपरामा निक्षत्र | समाज |+का पानी । बाप्पेन, भिम 441, पता [भन++r-तर, पु+मा, "wer 1 Tणम 7 larg का मांग ... सबामाको क्या कामासबा-कोप | का स्वर 'मी के पिग, कोलावी, +मपालो पापर। स्वमा को मामाका, परs-arli) गगना माना गया माय-गा, ति iilskri उगन, चलना मगन गिपामु - - पाल एक प्रकार का बनाकर ! ५१० पोर माकाम, पिस मिरा-पता बन का+मगर, कलाबपन चोद.. पर यात्री भी गया ३ सूर्य पान बच--मिया, पर ३४२ ॥ Hrs ( संगरी ६४ सम-ओ-लेव बरामी। बाल अम्मा ? 'की 'मावामान सम्म मिलिए मरतामांगर सन' गोल, मा, मोहरा माहि, बोलि) विलम्बषयः पिगम ने वाः माता मादम ? पा चोग 1 वन मञ्चमायाजा, एका हिसन्ननवरा-तिना- rainian मनसिनिमा मापेमारी मेगा वास्थ-ममार+m नाबामा, मू-बोमन सर्प पूष अमिबाग मुमत्र नमक mg wifi का गत संपन । जपान वाद ! -बगल म:म ! ग. जशन.. उन + माकागान यमभवन को प्रकदी टावमन्नन या पति। मिना न सावन HE-Nown. [वश्व-मारना मेंमा गई पुनमगत पाषा प. सम्म लियाम गबन पलो-मामि पण पानि मायामा सौर 1.गर : प्रमा, मानि फान पकापाको माग ९. सूर्य, पोषणम् निदानता, बट पति मिनका विशेषग पारि पु-मानी बार | [ब -1] 1 4 1 माना तो म्हारी --म, रा. - मय (जपा) हम 5 पात मकान सापक 1ौर 2 कौवा 144141 धाम मग्न गा पा रही कामा, जो पाक बन] 1 सगाई-विगहनन करा- वाम माराजांप पीरममा 1, नाना मापस पाला-तुः पदम पचनला हाम। | मका में वन । परि! यापून कान लात समा हामी विदोन ममिति - रानी पृष्मी मान या नातम मद । जम्मा लिय] 1 fel जॉन र म | ताँचा र एन ।। मंग का बाहरी नि। पा (मर पर कोच, स. गावा- पामार महतो । र [+Fi|माको कीता। +5. पा.-मतिमाहियांचत। बरसो मोरनि-र | अक्-गी! witter । पाने माना, प्रकरार न बीमा पनि ([+पट गितान मिला भावभी। मा. सति, पति) करा. मात्र रा] 1 बार एक प्रकार का पथना, नाना-पा-मिनाना, मना करप्त, गाना भासन -1.4mmy.TE १५ म+11 या तुमा सगुल्ल, नराबकिन+बाई मिकी- बाई (कबी० [भन न की। पा, माचित, सनीति विपनग- मित्रा