पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/३५५

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( ३९ मानवही होगा.-- (f.) यांषन में पाई मि.) [म पर ] विनीम, मिली + बोनम, विमान अवता, बावरिल बार गर्न निर ' कसक विमान में बाप-लपूने मे-मान: याना पका कालो बक्सा वा माना • र गर्ध ५९! बम मा (निकाले पात्र पन या वर.नु. ५॥1: गासा, गंपन गोसने वाया। नर्भक [ग+मन] घातों के बीच भाग्न की पुष्पः | ऐन (बा :-- पति, गनिन) I. टपकाना, गुलाला. पामा-गतो और उनीबान के बिना पसीनमा-पना-मममम समनुपस्रिम् का.. समय गर्भय [ गणप..] नग का समाना। पराकमांकमारत अभि)... अहा ! मामि राम टपकना, पा माल मी | Hi+PYA--संप काम भिगो ली। उपदमच्चायसनोपदा - २ : पनि गर्भ ] पनी त्रासद मनुष्य प्रतांदा बाप्त - नष्ट० १४१९९. १५८, ममाप्यन्त कोहग गा मो)-पित्रीमियमबोल्पमालमारि मान.२. रामक होना, मेलामा मलि-मा. रा. पाना मनामान होना. गबर जाना हो जाना-पान मस ११४ मम: मेधा पाशना, बार नहकार विभाव गभगना स्वामी सवाल को मेमा भर पान पिन किताब-औरत, महंत रामद परी-मम् गगंबलो मी पास दया पाकाच, ... बाल, नियममा -पाकरचम-पी.) आयुष शास्त्र का मा... चुरा+ रमा (म... विरो माग काम निकाल —ानिया-1 उडतय निषाना, निचोमा nिion|-- मरमा भग ही। 3 यहना प्रा.), निम्रपाना, रिसना, भूमा-रम- मगंज विभाग | 1 बाल मति ! पकाना, गरि गर्भ ग हो गन्द intr जनरे पर में पाना चकना, alोजन मा। हंभा. वान शेगा। मामंत || मुह | 1 एक प्रकार का पास -! । र, मन : न मरक गहे कस्त- क मना का नन्नु हाना . गैप गागरमान - पर्नु ।५. अपरु ८ परः ननि, गर गपड़ी या एका ? म. म पो लगन एवं मनमासम्म । आना, मिल पूप्रत जो कि मम - ल का एक विशेष लाम), Ham H माना है ना है। -अप बोर गर्दन के बाल, नपाल,-मोष अन्धाधAner. १४ । को रमोली,-- गायर की गईन मी गाव-एल1 पह, भावा--माज पनवः- मटाने बाहाबण्डा, माफर, पानामाला, गलेका वजन निवाकाल मरंग माह।.. एक गंग ग्गिय गहमी मिल जाती। हार) यांबनायं बहर मारि. मग मात्र पना 1 रमा पक्मना, गमा वा मासाबरोग पभियत मानी जयसिदि मामकाःकार 3 माम में विपक्ष परमात्मानमा --गा. दिल- प्रभान बाव, सचमी, बप्पयो, मामी, मा० ३० प्रामारामा मह प्रभावमा म्यादती भोर तो मम माम क. - ब (म) मारिकामा ट्राधिनपादान। मननानी, मला, म अरमेग बार- ला: -- मट-- अच् , मोकीहार पात: (वि.] 1 गते की शिया में निपुण, सूर लाम और प बार पर अको ममी पा. मा. मी. हम कसले गमा, नाता सम्म-समाना गम, गनगन, नियाको गमामा-म० अ, आ व मन ना. .ro पाहार- गा, षिका उपविक्षा मन:सिपी ङ्गाना, मारंच तमामा ! मुन्टो गर्दन को पिया कम मी (म- बे पर काना, कि-- कविता करना निना गन' या मरो, इस 1 गो पारला या मान, मिरको रेत-fatima०१।६८ चोदना, धर्म मा खनिदा? मर्वचार vt.१५ गाग, Tire--सित [f•) मों में का पचन, - गह++ लाम् ] मिया, E%ा. गनिया देकर निकाला इमा, ममा बोरा हता। नया रिम+जून 1 मन एक प्रकार की हो गई +4+रा पंचन, निन् । मानी।