पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/३८५

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--का परापूर्ण काही एकर (भाषा),-.-- बलोचाम्मर (R) तीच गनिमय, समी भमि में बीपणा --सी (लो) का निपमानामुक्त, मामलो-कालो का मा- मानिसली मामर भूप पावलमित बाबालूहाच म-सिमस.१९०१२४५. मेध-५ मा -र-पतिशिव का विपक-पृष्प बागा- भिमुनरोन मारा-पेन । बममा [पन] मुभयुक्त एबीर । - कासतहना, मम्मा । भार, र मर्मा, सुकर्मबाटाम. - 1. तन और अमित मानकर जाति की बात पिता मात्र माग हा मानी जाती है सजा का पुरुष, कतिलकिन लमिपरिवारसा-- स. मनु II08२:१६: Rit सर० सालको साल की बोगा. हलमा वा ग्रेनामी बीत्रा। पनि बगान -+am ] पारी की पोगा । पाहा | पंथी -कन-- दाप, अस्प पूर्मा । काम (पू.) [+मित्र ] 1 मावेडा, उपक्षा, मित्रता, भोप, गर्मी, लाप । पल+कमनाई। बार (प.मि. भर | वरन | निलप खननात, प. बगारस्त्री पतस नए पचारिचार -या वयस्विन - खोपोर२. गामोजम्मा आमार न वार्धक पेश, बरवारिपना भयो मा मादि-वेषान पान सपा सरी धोक्ने नानपारा-मेपलम में जर का र निम वनवाना है गोर पितामो पर पा में गितको माग अपना अपरिसित रहला । पन:-4 भन भगाना) भार गावापाथ पर कमब) मो. कासि और पति इन सबको पेसाबामा-गरका जबरी रतिनीरताको तट पनि वाम- wiपिम्प शूगार ४ रजत जगदी मामला न. महनामा गमामय- मुभा पालम -मपि.) बाग। और मीमापका भवाचिराप पारणही सपनी : नरममा पला... साविकभारामिको, विनी गोरा.... का ifro-मिनोवर) नार निरो बाला, तुमोष - ममि.f4fes ४० गगुबर सुंगेल का स्मारमा पु. -te. (प.. यसबार--पार निमम वयानरमा का विप्रेषण- लापतानि रमैया बितर सानिकोबराम-रसर, -या मा पानिक जीवन में चार बा- साई बार बि.) फार कापर, -तु- मार्च (R) से लिपी आग हो र ममा, मीनाकोप) मिक) वर्ग, पार माना बाका, (क) गर्ग, पर्मुर पार पाये गालो प्राकृति -परिवाया । सामाजिक बार- पुमा, बहरा, नोखा,चारित बिचा- सिम) (क) नीत, पण पालिका चिनुचत वि०) मोनाषी वा गैरमरे र का-पालक सतम्-० गोपागाचे-त हाको ऐरावत का विमेवन, -4 मिला कानुनि पाप mid पापन परिणामस्वरूप सम्र में मस्त गान (इनके नाम निमानि मंकायक- मिाय नम • मामी कोस्लपारिकारकपुर प्रमाणितमा मार काममा नटेश्वरगमो रमारिदेवनः प्रय मतमुजां निव हरिपन पत्रोऽमन चाम् गनानीह भुग प्रतिदिन कूप, मदर मङ्गलबार २०) पौरह ग्विारे । मह --वहामिभिना मेदा पारस एपकम, भीमाया समपि व एका 40t- बनूगा), पाइपम का चारही हिट, बार माम शिकलो पारो दित्राणे... (प.) गरी दिशामों में अब विगावो बोला :- अयमेव पालको:- भागे विषादी पार तरी माला मान ? शाहिक में पारो, - [Nr-te) जोराव,-09 (1) वापरमा जमरा बार श पाब, - (वो (चा पञ्चावर प्रणाम। मम, -पत्र ( पच, बाम (भा मो) म्ह स्थान महाँ और सा पिल, चौराहा.- गनु १३९ PRE५ () माहाप, मि. (मा) 14रों पला 2 नारा 41 (2) भाषामा (1) भार नप die : पच पपुल्पयो ना न वाति गिनि हिमा-पसी (बरमाला) प्राप्रपनो का विज्ञान में पानी का फन- समा पानि (जरमागि) वि५ का गगन-मिलाइ- (वि.) 1.वया । पाँच सवारीक मा पाँच नागो वाय, (१पापा विधी बाग को कार्यविधि (भियोया की बच पाताल मिर्म चार प्रसार की प्रक्पिा हो गई, पापन