पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/५

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स्वनींप श्री वामन शिपया आप्ट धारा समित संसलत-गमिता तथा इंग्लिश-संस्कुल कोसों से सभी लोग परिचित हैं। हमने उपर्धक्त दोनों कोपों के बहुत सस्ते सस्करण जिनके मुल्य इस समय पीस पए प्रति सेट, जिसका पहले ३२ ० मून्य पा–प्रकाशित किए। लोगों में इनको कितना अपनाया इसका ज्वलंत उदाहरमा इन बाल से मिझता है किसीम बर्थों के अन्दर ही उनके मौस-बीस हयार के संस्करण शीघ्र ही समाप्त हो गये और इनकी मांग दिन-प्रतिनधम बसी ही जा रही है। संस्कृत से हिन्दी में भी रककाई अम्मा फोग उपलकप नहीं पा । को दो-एका उपाय भी हैं उनमें बहुत पोड़े ही शम्दरे को स्थान दिया गया है जिससे विद्याबियों की भापश्यनाएं पूरी नही होती। इनके मूल्प भी इसमें निक है कि साधारण स्का के विधारी को बरीपना कठिन-सा हो जाता है। हम लोगो की इसका समावं बहुत दिनों से अटक रहा था। मन्त में मारे 'टुरेन्ट्स मस्कृत सिमा डिक्शनरी' काही अनुभाब रस्तुत करने को मोचमा हमलोगो ने निश्चित की। इस मकन-हिन्दी काश में उपभग कुल सार हमार सद है विनर्म दगभग दस हजार सम्म मय मिो के लिए गये है। में स्पीय आरं ने बने समरण नही किया था। इस तरह पह कोश एक बहुत बड़ी कभी को पूरा करता है। दिल्ली