पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/५०२

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. (a Y) पल शास--- मनु-गा, मनुष्णा, वाना, की माला प्रानि से मार, रिभित्रता, गया। हिणभार मरेट अनिबिनना, दोबाराहन महेष | पनि, थिए । अपना का निप्ताजन, मुनापार में मन -०१ विघा गमा, ग। मिना नौटि के गुण में एक ( के मला- inte] 1 म क पप, । गुनार रसका वर्ष है-तरह का प्रबहाच पुरणापा. मिनोना, गणित. वर्लनर-८-प बाहर में में साथ मि ते माय-बषि- अत्रु ९. १, मा । लोरिक्तोमर्च पात्रात्मान समामा पोका पनि विग-क' भूपधार में जिसन मात्र नि, मामा लक्षित सरोआभार मना है। सत्र मन में १५ गान और अपने में बलान् औम [हिंगुण:: यमो गरि पर का कोरियों में काम ना तमा Trian सगुलं भर्मान पत्न.. माकरारा उरी रवी करना पामार बबनरव एवम् वीर ममल) आपला रमना । हिश करकम् वन-10 पर पिना, न. गए पनि तल मा बाम मा । माया। चार (4) विषद नियमो का | 'मम् 1 ली पार मिम-, प्रलमन, रिमौर महत, हा मो नित्र, बिजिन्नता। मारमा बार पपया एक से न है ! प नि (बी-पो) [ दोग+ मन ] 1 टा 'माल-भात्र अचगेन पात्य गतिरंगत्यकारी सप र आप पा रचनं गातार ते मनन गमनं पर'- भानि, एक गई का नाम । प.ला, घर की शाम का बरा हा पा मात्र की माल समका एक वह काम पेला हुमा... पपेर को नशाम से उको हुई ग.गी। पानि :-) 1 निनाशनको! | पिव+मग काया, दो टीजिश मानता। गायन. | पावन | अप् | या प्रसन्न. वेदमास । जिन [24 लमादी पापानि । पण वि. (नी-काकी)ीप-1-12 तो रिल) 4-को-f] निवासी गरापूमबर | मा--होपोका | सोनमगमत- या कानापुर विमान + मारो | वामा काम्पं बार्सन मयोपति मग नामोरवाल-न प्रशांत पनादात्री माता की पौरोको माग-1. ..ताकीपी। 1 पर्ष का गम पराग का नाम-दर हानि (MAI | ममम | गोहा, पुफरार मारे मुधि vि.in पना भीभू रा पागों में भिन्न , कम बापिनो को [ दिमा+मग ] पड़ रोना, विभिना में पहनः, मन में अनिचला, देग बड़ी या पचा नही दोनों का प्राची मातावरण, हग प्रकवि वा याता का (तुक 'देवमारक। 2 वा माता में भक्ति माधन, गणहेरवम् | am - 11 दो चारोनिक का भा. विमानता, स्पर्ष विता, निर्भर पुटणकर-पा। -पतिमा पत्र सानो रुममा-पन: 'राजा | पिपग ] को गवामी में बेटा हुला illy. IR, मार 16 मा. श्री-चिजना उपहिग भनः ५।५५. गोपकार का पंचार्षिक !ि [विri-8! पनि दूसरं वा तन मजार पुलौनाति पर कारो। एक मिरा भी। मोएकार | विष्णम् | पाय 1 गला, गुरपी मति, भिन्नतामिमित भिन्नता । 1 बाग