पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/५१३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

1 y's) Fry - मन -1-1 ] पोता देने का प्रक, समाधान, विद्वान् बर-पील गौर सतीष्यंत पंख दे पात्रा-भरा ।। स- Hider, चतर १५ किवि नहरा, गनीर, अंगावर, सोशलपर स्वरेणी- nिा [मपविष माटो एच पर रंग निक्षेकिन मनाने .. दसरा. त्पनिका नाम-पत्र निवासम्यान, आगस, पर, प्रमापरगा, बाचारवान 10 (याप वार्षि) -गा । भाषण, नि, मूका ३ जुड़, ममा मन्द महसमाना समर-पनसमोरे यकृताप्लोरे गह + जांपाला, दोरा: गांद पन कपाती--पी०५ 11 मुमत, मानो म+xनिकाल ! 1 चमाणि साइम - प.- मरमा गति ने मान, सानु, अनि ति त्रि का विषय -- मेसर, माराम.- रम् (मध्य)

  • पा-TV02 "

रास मुनाबावं का साहसपूर्वक, एका हाथ. अहिंग हापट बोरकर गोरु ग. 4 त, सामच,--मा माघ- मोमा i समा- उमाप्तः ।मा, जाप.म.स्वरन प्रहार- मोशन्या मोमिनारी का बरवार व्यक्ति (नाम्प नाटक में) Fषणाल रिस पनिमकान्गन--130१0३५. नावक,--विकपन मायानगम्भोग महासात्र, मंत, सा गान ताप, पत्र। म्बंपानिरमागे पीरादात्तो इसका वक्ति-मा. गे (4!- मनमारण 1) मुद्धि, द-खतः पुत्वीर परसनु अभिमनी - हम --पय समय म सरदारपो-पास नाटक : नारक" मापापर प्रवाहागाई।कार- - पुन: मानव मन, पुषची दृष्ट भगिण, मान्मालाघारगा प्रारबत कचित वाला-- भाषा विचार --सा..स् ( विदछ, अहिग: दर सापकशाप्रपद नया गांप पनम- पन गाता, साहसी,--प्रशास: (श्राम नाटक : २ बिगार, बाप परांजर, पनिष पनि, नामक यो गीर बोराल पनि हो - वारान्य- fire 33 ति, प्राग 5 पा | Ra गगन विनातिका गैरप्रपान यातना दिम प्रयतन का भर जानन्दिय), मग ! तिक मध्य नाटक में नापक यो दर का नामात्र स्वना नड़, नामिका पर. मोट एसीर होने के माव-साप पीपि मौर नाम जोगमागि प्रभने, गुणा (य. नसावधान में निरीका साना कलापरो बार- चौमाग गए पाप पंप माग धारण ग, नतिन ग्यात्दा कामला। गाहामाशा वान व पांगुणा ... प्राम- | कीरता पौरनगर-याम् । पर. साहस. गावर श, पनि (पण पन) संप में गुरुवार निपतो न पहला पोलामी-गि --विन प... - लाहकार मत्री | खां का दमार पांगरपावरियता विकपमाप कमी मियान् पत्पादेगाफ सम्भवती पीटना कापयामिः-मेघ और दर्गा मरनार श्री बीजानिक २. दसरे वर्चा * लिए चर्प : पाकिा.- मन मलाहमा सना । बोल मोरटार, मम नाति नास्किा वो बोत [ 1. गण, पाश 0 असं पति रा ममी के परसती पुर्व भो, उसकी 'पं: उपरिबाहि पं अपनी वा भाबपुरा वपना रोज मीति || किन 1 मा. पाम | भरट नही होने देनी , रसबरी की उक्नि बड़ाव शो का -मर - प्रतियामानां. को कान्ति श्रीवा... गा". भी। Hirani.नहानि का विशेष : समा-चौचकामनारम में अपित नानिको भोर व या ना ! बहादर, दहन साइनी : अपने पति का नाताई अपने गोष -छोरोका गति 0 5.2 रिपर, ना. का धमिपम बेहो मौर अपनी रेषा का रिकाम, चम, नापी-सानापन भाभी की है.- महापाम्पत्वकांप प्रकापिका माक, कान, निन, 'निला पौरा-पोरा--समवरी। माला-पोस पर काम भीलो ()[.+४+स. चीनति.. मरित्रिपने पंशन दागिनएकोश की जी, बेटी। १२ परिन, पान, नाम 5 बोर पनि लगन मा . बारा मला माग- रिडि, पषान, गधार मंत्र भानभायनामा मालमतकनिहितमममा. मम्मक भूष. बतलान 7 डिमान्, पी, पविभागाची, बीवरपिधुना मिनारम रिपो जगति--भई । २०५१ १ .