पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/५४६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

का स्वानापन समारो मंजा गा कर । भोको पाय ध्यान दिया जाता । पी. वो ममल दान र तुम है। ममापि ममात ? पूर्ण से प्राप्त नभाग का धनपकारी- ज्यान) गेगा स्थान - बसिर जिसने अभिमच मला दिपा है - बन्न निः 'निस गर पियों का स्वाईनर रोक नए नियम ने राव, गह, खेडा- नारी: eme नि गार कामो निकानपुर प.निरा बना सिमा..:7.६. महावी,३१. वेग [f6) 1 भनीन 2 मापनहन, मवि निक वचन पिक) विना जाना हा पनक, मितवसे रति सोपा साहा. विमानन यि का नाम भनिवि-j war पुमामो भपिाप-अल्पप (नि.) 1 निर्धप, निरागारमा भार नारुप, निकलन. प. मित्सह-कि.... गंग समन-मम (ii) राणा भूल गया -अभूमि निग, निदंप करतुम, (2) निईमता जाणा- अग (१.सिना मोई अनुपानी नही, अमाम्म || जननामिक में मिन, मिन बचानक का वांग है --धनुरोध कि 1 अननुक्त, मांचीपण निफाग, मशाग्वा-मा 14.inर (11.1 मदा कम खने पाता लगाना होगे तानिन, ife-तरापिफ्टने गपिनेर मसम्मनागभांशु कु. पान व्यवहिर, निरसाराला टाग- निवरणपोषग्या मष । 11 ला लावावस्तिसनसनाच- रंगपापभिन्न- नि: 5ES अमर--- मोरा, विलमीन मिन पाति) प्रहार, सच्चा 6 मा 44 सामने रहने वाला । गित, मगान, मप (मम-रम! 1 निप. सवाना, मका, मानवतचिनबिली: पर भारी वाहने.कसका.. जापुर्पक --(परिकताब कागि मम निरनमाग मां-पी-पपते पपने निरखर -२०१रल, 'बम्पान पर वार बन गया सम्मान, मनातक (नि० सि । चीन भार परी. गटा हरा , गोग, • अनाव विमान, नानानि । बसम्म सबवादा (1140 पर li) ३. ' अनगिक . ममगन गर्ग, पिन माप लोमस -म[AT:मा नकारी के जनुभाव निम्न-2. - अपप fnter : मासा. -राब पनि मागित, कल- मार्गा) नागन-समारदा से रहित !हितजनन । प्रमाण, मपक, मंत्र (461 सीमा पार न स, माता सा गोरीपेशान न राता ii. मात्र) नाटनिगमलाममिला- 4.4T23 बला करने बामा या शण in French 4. अगावधान. प्रवासाट5 मfre पिपालना गनु निम्पन. कमी कमी का मने बाणा नमः14 निष्षमीवर. :) मापीना, प्रमहसता, अभिभत्र काहीसा सासर- फार मा गात्र रहभियान hिoj 1 को महान्चना ने मुल ना गमाया महकार रहित 2 न्यादिमागचूप, भिसाम्य ( FrH सोबत को चाहनी, is मीन , स्वनिभिनाम विधर्म सोनई ५/५ - [नि मेमगीन, अर्व | पोप, भगा रिंगत, वि011 में पाता। वत: rikn) माहा. गावपाल, 'ना, नानात्रिन, निम्मि, पूर्णन गा--मारगमम्प-- मम का सं. "म |101 रीव पान jawaj | निग्या 1 ग्नयंग 4 बध नैना निपानिनं भवंक 1.1. असार डीन. करवंय, जिस्मा की बुन्न पा(म पार : निरम होलादि गरणाप्रमोग्लप-बन्द मावि 17 शान र विकं पास मुसहका एपन-अमर पिम पुरत भने गरिन. अन्यत्र निवलकर गुरुन, न्याय म्बानी, दुरवही। कार (a) किनर निप. बम्हनीग. जिनमें की आपन महाना-सुगनिरनयस्पोराम- -मपि विनिएका को-४, मोर गा, अ.] 11 विनाम्प गन.' बता मि। ममता, निगमप 1ो । -मोचकर्ष, नकएमाल, जसपेच भव्य तरह गे. प्रया. परम गमिलन