पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/५५७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

कार. बागाम, मापy विधाम-स्थान वर्गपत गा, गौरवाना ४ि४. र.४८. नाचना -14 . वि० ४.१३, अन्तुमान, गिराम, अगति मगम- मागिरतो ११११, ५ ॥१८मस रात बितागा -- म मे रहना. + पोमा । निगमता (विप: पति) 4 परहेर काम मच मिलामा । निगि ! प्रा! निगारपान -पागाबादभिति-न ३३ 5 ना, भाषा रागमा बिताना। खलासप, सामाकिमपात संगन, पाल, शिवालिया (वि.) TR+तिन निवास नं समार थे रिफित ? निषाल, आगम पानद. माने धान बननं शला, तक मंत्र ५ मुमरना. कर करत. 10 जमुन, १४-500२६ (पू.) निराधारा। HEAKING || पर || निरस्त | नयां +fin+c) नाना, महना, प्रया- वहाबल: सहा rage. कहा हमा, पमा, बन करना ममावार, उपमा अयंग मरता, नियमो मुष्टि - Purd मोडा सोपरा समर्पण प्रॉनिमनगा कमपेक्प, बना, नर्मच-g: 01 + स्थल, माति मांठा महापाप, विषकनक वामा । निवेश | निवियमा विमा पूनि के भाग नियोल वि० [ नियहां खिोगे कम्मा ० रा ! मगाग नुक। मभिन्न ममान ब. बनर का बनराव । मियर [न | वि+पम |प्रवेश, दालना : पार faff (* FI FIFA! 4+] 1 राप्तदा हाना दस का प्रधान, हिनिया पित रूपा बैग हुभा पाय --ल. गन्नानोर मन मकार रपुRatn ६.पर यदित. पान 13.9. 1400163 -T. दिन भ. पिपित भन " १९ बिना, oril को पना-कि मन्वित 1448, प्रगपला विकास करना, मिनीलम | +4-1-मा. पग 1 समापनीत पारी में बदला, गण, नसत परमना माता की रात में पाप करना) मंचनाव: शमूपण, मनापट । मान्त पनुष्याला माचीकबोल पितृगामुगीय वेगानाम् free-- गिर ! प्रा. दाणा -वा-2 मारा किया गर्नक, म हला, पहारा: मि नाना, विवाह पसा, भवगुरुन, वापरणमा : खेलबह करगा. प्रियागमागम, निकाम, वित ! नम:! नि । पिर मा. पर. मायाम-मान 6 जिमेर ? कार वा नग कोटा पा.. मन मन. परदा. अब बमा। निवड : नि: ए पग, भाजप. Ti: मिनि नि ! पापत्र, परः । बिना [ निट | "पुर मन, पाम में भाव मिलन .. [R-पूल-कोटा काना। हमा. पामित भाग ना गया हमा, यिदा तुका fin०१५ करो विमति के भाहमा. परदेणार, म्हरा भा, किरण + ETभी Pat पाया मागे निभायो में नित्रा' प्रल रिस कारों में पाहल करने वाला, समसार चं मान में विक्रम में नाश हो जातात. पहन चित, गात असताना के लिए चचात्ता पार पत्रों में प्रसका कार्य का नहीं होना) 1 रन कमाल कराममाल, ति पूर्वक सम् हपी। मरना । एम. बाल (पू: २ विष्प : निगमम् [म कामगिम | सुट | 1 देसण, नव- पागाईप, बार पिना किलीप कारण मारन कला 2 रन, टि सुनना - मातमार श प्रयोरन (4) मा मनुष्य, प्रामारिक हॉनर । इचारा से प्रभाषित-पास जो मॉम निशा (गा! रखए [नि.1-274) स्यूट म, जाने से परहेज करता है. टिपूनांसद पपक - चार-पा (f०) जनिम-वृत्ति : रिमिता ति कर लि मापारान- सोन- रिकिना समाव में अपरल होनाटा-व। नारा] 1 TET-ा निषा मभूताना सरम नामक (a) पातानं बाग। सवमी- म. १३ ली। म मिली.) [NEn+fal ] 1 सोहना, अनः। सूत्र, भूग, पिनधि-ति- प। या