पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/५७४

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५५८ ] 11 यानि [ राजा और कई रे पत्र यह भी पार्व मा वेष मो एकल सार। पदक लाई तिनी गकारे महाम में भा छाती एकापा कुमारी पहा नोकर माकनारया में कहा कि मर' को एवं रहा कि कही भाक्य में जो मदान संप में मोनाका बगुवर हा न भायो । माही मागी रूप वृद्धिमा बोकी-पुत्रा प.मुजीर. माई मन दिनों तक सरर मानना स पर तमान कानपान्या एका मोल मे पूरा इसे देखा नाबालकसभिवासर राबसा , सोमाली में पीप पुक्त माता- का अन्त में कहा गैर विराम होता बाबर ! एक दिपा ने पति, गुपः मंज-मान्प, और बापा-तर मपना कालाटा लडका ! पश, मोना बाँदा मन कुमार लिपा मन वहाँ ही बापत सुनर सपा। पर उनी कसका नाजा के 1 एका मानिस जाण ही कास -पाप पन्स ग्या पहले तो उत्त का कन्टे पातफ को देष का प्रयोर होता. कर संगाको मात्र मापा परन्तु यह विचार | सालाना | माया पर वर्तमान समपा का र MAHI मात्र अपनी पतको हो पत्तिम पाग] गिी कोसा का पान कराव मनमा है, न छोत रिमा - समाचार पापा-आपनो को माग गट्टा बनाता। हो पदावत होने पर भी हम वही पार म सामनं कुणीमानापा जाँद दिलाई H. तमन्पाका [ीचा पोकर हार का रंगात पा यांप लस गप प्रमुक हो । याप] फीचर लवन पर उसे घी डानं को मोक्षा नव को पहिरनी हा निबटवर्मा को या पिन या कि मनुष्य कोपर स्पाने हो । पर लेती है। बने । इसी प्रकार मनमा रिपनि में कम कर बममे | 21. महामोनमाम्म मह का पी मर कर देना, निफर्म का प्रयत्न करने कीक्षा बह लारह गट रा रापय प्रपन होगा। बनमारमा बस का भपास्न मन हो न चप्सनं के मारनपन गूगलकार्य रोगीर रमर्व-तर-प्रयातना पाय लपलंग वरम्' मला रहा.-गिम प्रकार मिह पिकार की 'यो ख। स परहेज वजा। मलन में आये भी पता नाना पान, माधनो 17. टिपेजमाबाममिहे को पासमा ] या ग्यार उप पीछे मुगार नौ सता रहता है। HRC प्रपुमा रोना बन का कि एका वनवाया और नयही कर लापम ही नारा ने तमना है. पाकिपिल की पोभना उप प्रबल भाना है, जबान पर फास्त बोर पर्ष कार्य है-कर मा। मौन और कपभाक्त वपन हार। 1 मोबाकुराबाप' [ोग प्रसर का लाल | IMF न पा गा कामना माता मयोपाषष्ट होने है वहाँ इस i. rafम का भार मा का प्रयास से अनुर nिt: गां बत्तुएं बननी मनोगन पानेग' , मोर फिर मत्रप पारर मररोग की रात गर्गकि कदाही का वर्मया मई का वग नान एई) बन न चीप के बिना सार हा हा पा वाचम्याम्पई: रोग न भर के पिना बीप। नागितमापापा | dr उममे मा 19 लोहमाबाधः | लोरे मोर नमक का भावर्षा बमानः ] मनिमम गौ मपनं पर न्याप ] वह पनि पिराब बात है कि को समान रानी मिट्टो मा बिरा मोर. वाष्ट होना है. हलो प्रकार पात बामद रक्षा मह उस पकी को दूध बनाना माम का निम्मान की दौता ममी नानुर एक पृष्ठो को सरल हमो में । है. या पारानी की माने नांगपा को पुफि में 1 मा प्रकार जन मोर दा जमिन करके 0 बहिनावापः | पूर्णम का अनुमान | Jएँ अपना पाग का सौर को मविक नमन करता है। और ममि को भस्थमाची गदगीता नमरिक मामिणपन्या सानो गौर सेवा गार] अत (को पूजा होला यहाँ , अवश्य पोली)। सका प्रयोग ठाम किया कक्षा न पागल पह न्याय जमी पर प्रयुकाता बना दो पदार्थ और पाप. पापक और पोष्य के सबन्ध की मान काम-कार्य पा को लियो का मनिका सम्म होता है या ऐसे हो रियां दो पदायाँ वा स्पषमा भाया जाय। नमा गता है। 2. समारोबाम (पापा से कुमारी को याम्य र न्याय । फा] 1 क, उबिल, सहा. स्पान | इस प्रकार का वरदान माना बिल वापान, युक्त, योग्पालाम्गापम प्रविति