पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६

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दो शब प्रस्तुत 'सस्कृत-हिन्दी कोश' श्री बी० एम० आप्टे को पिम्पात की स्टुरेंट्स संस्कृत-कलिया डिक्शनरो' का राष्ट्रभाषा हिन्दी में सर्वप्रथम अनुवाद है। आप्टे को 'रिक्यानरौ' का शामकुन्द में पवन सर्वाधिक मान है। इसी से इसकी उपादेयता निविवाद और सर्वसम्मत है । प्रस्तुस हिन्दी संस्करण में तीन विशेषताएं हैं। एक तो प्रायः सभी मूल शब्दों की सुस्पति इसमें दी गई है--किससे यह यात्री के लिए और भी अधिक उपयोगी बन गया है। दूसरे विद्यापिलो मी मामान्य जानकारी में लिए उपसमं और प्रत्यय' का सक्षिण दियन करा दिया गया है। तीमरी बात यह है कि इस कांग के अन्त में परिशिष्ट के रूप में शब्दो का नया मकलन प्रार दिया गया है। इसीलिए मह कोमा अम न केवल कानन्द के लिए ही जगादय है अपितु संस्कृत भाषा के सभी प्रेमी पाठको के लिए अपरिहार्य हो गया है। अनुमानक