पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६१९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

पि। मात मोह-मन, किष, स, स्वातम, | पापका पारा बोधसमे म. सम्मत और कमानाच, या नम्तो पाएम-लक नाच और मोब-ए-१५/६, १८..सा, गि मोगा का गांधी, पानीची पोल पर 4.भानस । मायनी कमान पालगे। मातो पा.----. भावः [ पन्नोज पा! ] 1. अनि । मूमे र मठ ! वादि (पू.) 1 एमभाग का दिन । सावन (नपु०) [ पानसुचन. कान |1 म, नगा। गानिक [पाठ+ परा में रहा साल में गि २८ वाबाबहार । रुपए। मार। समत मताः पावक.मिः, -: पा) | पद पित--साम .. - सा 1200 गया, पका बसा नाय निमः गया, पहा रिया या गामंचन ( भिन्मए ! भोग्न नापी ताकि 2. पशत किया था, नोवा त्रिपा पापांचा में जान लिए बाध जाग मार्गम्याद बपन्न बियमन। पारिन्दमून - कि... मिसकिमलकमो. पारियन पितित पान] पर या माला पक्षा, पापा-मप- 1. मिलना- पाल, मातगा। पाकित (को. :) | पन- गिनि! 1. जान माः + ] 1. गर (चाई मानुष का हो या गामा, वाग करसंकला. उतरने मामा 2 गानांक, किमी वा मा) तसेच पापम् - रम) बवानापने मामा 4.परने वाला पीने वाला २२ परिकीनियर, पाजतना माम मन में मेजने गाया कोजनं गाना, निकाल बाख्या पावाल कर पाल्दा am है. व समवे बालिको [ पति पणिपूध कोपलेत-पानि+R! पूर्व ही वा समान गुगल -1 पात, फटा 2 होडा मिट्टी का मा विवाद नि प्रम पूपर तूतना-माग पन, नाडो। केस में प्रयास किया जाय, समय भी 'पर' लोगो! [ 'ल+] : पमन- हो पातार पर पूर्वपत सो मित्र-२० मोन, चिरने की बात पारा, पहा का पा. १५८-४०. ना.मामा मभिनय सान, दुग्न गिमार म । बाबर तथा सम्मान मात करने वाम [ पानि सनि. बिपि मनेक पाना | बहुवचननाम लिपो की उपतिषी पागामों iपोने का तंग, पाता. मिनाम 2. कार भी मान के साथ जो विधा मला पृषत मानि- पाने निमपाश्रम - रघु. ५, १२ing जातपादा :- उत्तर.६.२५ देपासमा पस्तुका दावार, पापकों-पत्र.२५ दक्ष नाम्यामि प्रयोजनम् पन..मी प्रकार एवना- was मां के गोय, गाव रामपापा आमापति प्रो. एर-मारि- --विबिना कप- माग-१२२, पा--आदि बाकी किरण माप्तप्त्यादि मात्र 110 पु.११४ अभिने-गा, नरक में पारा फरमान भूमदाम - ० १।२८. षिः का पात्र--न:तपापमापीगतः पान 1. २४.० १५ गडी दॉट का स्वं पैर उच्यता पाय -विमRME6%ाए. राजा, भीमा पाँमा वा पदाकाबाट का पनी । नरमी का पाट पोला, शपिका) लकी ॥ स पर बना 'सस्प' चिरप भाषेप गर्म•wne में गिरिपार, काली (मी पपगार पटिया प्रकार की गभर--मणगह १५... रा. पांगार, समीच, या कि सबकी - 1 नो को मात्र 'सवाबी का (नापा)---२४, बगर मापा 2 नवा प्रवाह । Aturt होकर एक परक, पति पा (म.) (141) [ मात्र+| 1.की निमी फूलक के मम्मम्मका गीचा मान मा. मोन को ना, प, पचापित, नित, पान मा का पाविमिमी बचायी गौ १ नमा -मन, मका, तला। सम, समा । समाचाम् पैर का जाने का पाश्मिसम (40)[ पाम हति-ना, परना) पल-पन. 347, www बोवन गनगन। -मेरका बापत, यूपर, पायग- पास पारम् | ग+मीर मामा आदि । का मूला, पैरो काम बाग,-काल सार- [ मा टाति-बो FR-6] भारत। एक क्यू बीच का असरान, एक पारी सा