पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६४०

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जयका गर्दा माग, तो राना र

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पाषा प्रभावन व गायन कि.

मामा, मापाराग पाना: पुरोमन [पूरीन सिपी - पुरीक-या+ग्द, माम । र अन्तमा पर माय, 1 मा. जीका : Rम, बार पुष -1.! | गाम्नमञ्च 45 गायनाटा, F] न. प्रचर कि में (लोनिमालिप प्रा. डि. प.पिनालिन् । पूर्व पर पार मात्रा मनायो भाभ पिन विणा, आई वर का विश्वा में प्रयुनामा):-+ 1 फूलां कर परसा है वो भावमा बाम. नमकीनर्वाष देखोकमारनाम. नवी पनि काम पुरसानग्मकान रापानी में क्या गरा (म. पाक्ति मोर माति पनि। निree मिरा पपत्र पाएन था। वा पमान न अपने गांगो -नमामिन नम, भूपाने प्रग किया गई वन ऐमा । रे जिप रा II उत्तमः । स पुष नगा वोर मा मते ममं अपना औषन व । मनम.. वि या शिवग- पसा वर तो परमात पुरी या चिखने विनिमय सनानी। माय नम . प्रोगग गरे स्पोपात विता, एकार के पास पानि व प्रपिन पुनमन .१८ पर: 1 पृ कोमल और सौज दिया गया ' परूवापर. योटा, भांना कम मममी, .