पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६४३

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विकास, पूर्णता। समार(प.) पौष्टिक परिवानीला भाग पूलमाण-पाका पृषि परस-पग (ग) भासरित प्रपा प्राप्त 1.रका महीना 2 वाय इत--रसर परम, बले के लिए किया सलेमा पार्मिमा पानग, -बलाचौरी पाम बामाका बर्गर - (पि०) मगनकारी, अपरि-मचंग (नि.) fat -हो- कृण बरस मारप, बाबा संभागमारो, अमरिकाल- File मप-शनष-प-बार अन (दिवस पर पुष्पक) भूतना, भावना या मिनी बापकपुष्परेचून कति पुरा पुतला, वितरकला, शिसमा पुष्य गुरुकालाप्ति -रोचला नारकेनर का छान फूल कुनम सम्प पपम · ALE liti पापा, पूल मन बातो पानि च। पुष्पा [पुरुष । अम् । एल.एम र माण २६- i) मांग-रमिमा, नाम पभा 'पुष्पमती में पुत्रराम ' बानो पाखानी, ---गानो कोरगर रोग नियंत. रास-१० PPIt. गोपीनाकी, शुक' पाठ, (रेको नाप। मैं) नमसा T RAR र पुष्पप्रमान भ... TIPY, रंगी होगा जितना जागा (इस पर्ष में पी। मोटी में पर हुमा कुली करा, अम्लों की मन-मन म जो अमन को भाति माला, --पाटो बायोमनागी,-या, फता को सेब, अनुमती मिः ती महिममिक पतो का विनापार..--. मात्र काम -नन, बाम एम व मा सरस्व. बपपः -- , बारः, स्पेश: फूमा का रस, कोरबनना, ' एसपना, मन्त्र काकरेन पार, इस रमया ली-होचा गटानेया स्त्री. मा मात्र माकार ) कृती से सम्म जिसका नये पैदा करने की जाए त चुनी हो। गाम। गुरुणाकर मि) , मान सम्म | रुप+1] 1 पूर पालक को याम ) नमन , भानो सारी, मालाधार मामा सात बारा य | समे राकारल-me::-कामगा मान गवण ने हीन , नपा की फिर alia म. आसार फूलों की लापन . या पा]-रमुFRIEES कग: मोनि+तना, साला पुणं वारिका. सर का पुग्णाजता बानो का एक विशेष रोग। अपमाबिन ..., नाग, परणारा, अषण ( पुषस, युम । औरा। काम: 1 पन मा सम्प, बान या कामिन | Jangr- म माप, टा, कहाँ, कीर । if : HAR. Par | Nire. | पुषक्त मि०) [ए+मना, कम्फुस्त, कोट गाग, तन. प. तुः कामय पूतो से पुकाएलो मे यहा हुमा । पुदि. २०) नाम, पता पु-यान- ग्रहमा मू और हमा, जो वफल --पुष्पपरपी ना पर, मृण मगरल, पाक चांस. -अप. फिर पिता-का-१०। Ti] 2 पणे मनपा, भाप कामयेग. -सामर' पुजा, पण 'राप्पी नाम की परी। गाल: -सप तो का ...... | पुरस्य श्य-वन : टाप AJIT पर बसी ३त I ATTIR ! निजात्र हई मग तिगनाव में जमी तथा के वं. मानक अपिष्ठिर अन्तिम ऋमिनमें वपित विषय की सूचना दी जाती मिण बामन (नपू) कुरुशका. 1 फूलों ई-ती की महामारठे असमाजका महिताप बन- मागे मा भावना - पुष्पमपान पर्वणि ममुकणार aer. -- भाग काप नो च- मग मी | पुथा - सती। १०.२१ पूर्व-प्रम/कामामधेन-पि. को निकपुष्प भूलों से पता रिकरिता 3.नाग मिलकापम, भूतो से भरा हमा, लिना मा रिलिग lawy. मामवेष - मिल पा .Mad,-inute पुन का पुष्मितावाम गोत.यहाँ भुलाया' एम ल. मग एका का गम ननदो बाचन मर का भी नाम । कुल में समारत, (बस्लप iए। HTA "-पा पॉनि परस्पानिपुर। महकी कृष्ण 4 या पूरी के सम्पन्न राह पक,:-पः सोडना. फजुनना, - यका-हुवाष्पिन पृथ्वी पत्र: पूर्व वार्षिक योक मा. - अल्लार! पुष्पामा, विकाता, पूजए लिखा हुना, सारनी । पूतो का शिमा, लोकी ने बापशमा भित्र पुष्मन] 1 स बारव करने --IIM., पण काम.-- पुषरता मनात वाला 4 भागे में शाय। "!