पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६४४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

(६३८ 3. पानिपुर : पोप का महीना । गन! सम्मासिस, माठिा नयन (लोग नारों के लिय' माजमाराधिन, वाय' स्रोत संघम पासरे मी भारा पाता है। सरकार परख । अनुहन्तिमपा'T frपा Bषा । - [भाग २७ पुष्पा । मिक 1ि4 इना | बदन दरगान .. मनापा+मग 11 पारस्कर करचा, रेप करना। तेष रैबानिय माता 2 की का विनाकाम, मट्टी | ya-RYमादर या संचिकारा, बिना नाम, कार पाना भातु की सामान पोर, प.प. पहंग:-..बसूर। सो कारजु 4 पुल हाय सिमी पुनम : | म | FIE एक अगा -वर्णन मी नीषना-गोपन', किए *ना कम, मांग कगाना। करणा। म.) पक गरी नाम का झ गर । न पुलो । त-कण, की। पीहा मूल 41-त' । गच्या दुका, को किसी पुतला झना गंगा इमा |ग) अष्टक ( fato-ना क्या HD-माग, नीत, ना नगला बन्नाव वा लि. पता नगरमा इस, घर-पा-- पूर्णत, परित पु: नमाना 4Txt पिन हमा 1. पवित्र मनमा, मूब का और पटका आश्विन न्या हा + ग्रोवामन माता पाए पवर सर.. भाचिका ! नं वागर, गामा-मया, सुषमा, पुण्याचमदांगत नानोपवे - प्र. बम्पूदान--* 1 अनपद पूरा पात. नुवा-५.ni, ifr" (1५८: ५.१... ! मना: ग भाग पावर मन कागा मग-tit निधन। म कान', (५ift+विशेष मापी र पाली रकता प्रबत का गौरव नना कपि, मायानग, मे PIO Mना, अपार जना जनम नफनाचा भास नापाया मानिकारना। निक वाफ, पलपन निप्पा पाग से रन्नि,- मन, मिन नषय, र पराग कम : - सनगर निगन, पन - पार पृतना प . जिच । पन पापा को रे कमी पूरी का जप वर मार माल का प्रशप सारे १२ + प्राग गा स्वपरम् ईमा उनो नमो सुपारी। ममा पाने का मन, नीवधान कालामा नागरमा : 1 पापर- पोर पोल मन का मन नमः और पूनम प) - पटो अनं feajre: (रा. पूनमति- प्रति । आगषणा 'पूति | 011-लाच वधार, सवा ड्राम- मासा काम, जन मामाम कम, प्रश्न. बुगप देवान' ना....) पादा सामान करना-पूजा-Tiriri- दुप नगद प्रॉपर मन! - Rite. नु ?' 1 गया पानी पीम, मद । सन यानरी ERE. धाराहार दैनः अट माना । -बाल बन-बायकपरत ब. -- गनु-ali नगा वन काना -- i) प्रापूरावना: दुर्नर देने वाला सम्मान करना पर हवः :-4|1. गंव, यन् गमय . PH] 1 स्मा, रणाक-मोनि- पुन6ि) (-Parel [T-बदनपान बनवशा पुगर देगा.पा.) ure करा माता, भापकपूना मरले गका बार नफ कान, जितके मह से न्दर पाती कवाय-- आदि. हो जग प्रापर कurifलों में पाप निकोर)। प्रबमम | RNIग प्रगान 51. मराधना im | 0) पुत+गा, मलदार, TV 261 महापा.-कार, मम, विका। पूस [Ti+टप्पु. कमान, मारामना. पतिया (gha, १] एक प्रकार की नही । भादर, पवालि-पु। प्रम -ful -मुच, वो कॉम का पात्र मरचीप, पूध, पदासप । ifr. [पूmमस्य ननए किया गया । १सट पुर .4