पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६४६

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-मन कहा मका, प्रति पूर्णपापस्या बलम लड पते, भारत में पूर्वत, पहले हो । पूर्वमभिवाश्यप बाबत मा. पूर्णपाक की परिभाष: मनू, १४, २०५ का १ मामला पातलनिसारिबार, नाव ३५. पून-पूरला या कम पास पूर्ण स्वापूर्वक । पार्णक मा पूर्ण भवनकामी परमा यामकारारिक पुग. यात्म यो पुपार --परि पहा. पहले बागमत काल में नाम बगद -हासमो. (को) पानी। पूम- जचना पा मय पहले माम । समा का पूर्षिया, पूनो। प्रथम माँ (पूर्व रिक्षा का गण [पूर्ण+का ] 1 एक प्रकार का बम 2 रसोगा जिम पोम और पनमा का उदय होता. मानकर पूरी सम पी समाप्ति, 'मपर (कि मिन+निमगि, मा Lr+याप, t पूर्वी बोर परिचमा पूर्णपरी पोमनित्री का पूर्षि+मात-] अह दिन बन पाया पूर्व हो + पहला और बन्तित पफेका बावा है. पूजोरा। और बाद मां और परस्ती में किसी दूसरे of (Fa[पूरक नि: I पूरा मुक्त, ५) 1. वो म बौर बाद में हो मा, मामा । पाम्न-पोषण मिया गपा, सा सएप प्रमाग मो: मिंय "सिम मताति, वा गवा. म् । पूर्व पापन, पोषण वसायाः - अमिनुल 10) Mविका की ला. पाचा पान, खारप-गरिमा बार एसएहरामोप-प्रवृधिः यूपी कासोपानामादिसामनमानि जन्मानमागम मनु, मनित ! पूर्णकण द्वारा प्राप्त गन्) पूर्णमिणधीको - म. ग. पि. ) पंवा सात मम 1 पा मापा माग मन्त्रि द्वारा इसकी परिपाना - किन नई -तिस्प पूर्वअपरावरिना छाव पंत्री मनसाय- काना पान, शानिय बलवा इष्टमित्र कानाम पर पाप्त पूर्गवम् पारि विमोललो) तुष्टापूर्व । घरोरा) बारा मग ... Te (बी-1+जि1 मारः। 2 रा कणा. 1. लोकार्य का प्रभम भाग, म बापान में पूर्णता, सामना नि, नुvिe | पूर्व, रोपहर के पूर्व-म्नू. म. 12 [लिन, कमपि [ पूर्व-काल और सिसा की Halोक ) ममाह पूर्वकात सममी), दृषि में पेश Nि मानी जाती तो म गोमा आमा बीसी नमत्र, पान कप मगाडी माति होते है. पण का भी व नमोसा -गवर (वि.) पत्रिमो. नव तया भावान व अधिकरणः एक, में TER में) । बापने होने माना, परम, ! - मार [4.) उता fan ar-21 पूर्वी पून पूर्वी. पूर्व दिशा में स्थित, * पूर्व 4 ग्रा। परने का गौरव मा- (भा-11 पाला सो ३ परले. महा । राना, प्राचीन कार का का ? मगम कार्प, पहले मियां बने नामा -पूर्वसिमि : पूर्णता, ति, पिछता, कार्य पूर्फ कमरिश नया कार्य...कल विगत' पर पूरामी बिम० इतः पर्ष में प्रार कॉल कापा ! जनवरीगरोरा माता समान में बस में प्रपुमा पमा 'पुग्न सकता पलायो प्रविर मनममा भूपता पूर्वकापम् त 7 |भाल ana) पूर्ववती से सम. प्र.10: मनुष्य के शरीर पर प्रभा अनविन अपमानापपपूर्वक २२५८. पषन मानपूर्वकाव रघु. ५१६. पक- पुम्ब दो मुनिमिति मुहमा श.प. गम्बिर पूरंकापा ५ मांसारिष रा, नान खितपूर्वमा uIY. ५il. + प्राणन ममप, - कानिक बाली रि०] रमपूर्वरथ मांझाना एकापुर पा र प्राचीन - मामा पूर्ण पूर्व दिना, पंचक दार-दो प्रकार पनिपूर्व - मurva किया तुला का, (नी01 पाकमतियोगिता 'रान बानगर--बोमपम् जन को औनिक दि विषम पूर्वपा, या वाले - ५३. पुरणा, पास गह मंदा नदी -मोचित (नि.) उपर्युक्त, कपर सावन - पूर्व काय गरियषितो न पर म. पहा हा पा पूर्व पाना (बाप पूर्व गनिम्बाम मोरणामुगालते I. In कपि.) । रिसको वलि पहले हुई -4 भान. - (प.से पनने 1. गहने गा मा 1 प्राचीन. पुरना पूरी ( बाबा) मायम विमा काल में, (2) ना भाई पि tav, in !