पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६४७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

पूर्वनों। , वही पानो का काम पूर्वगुण, गापदापा, संबा-बनमा का पहरी माया मन (पु.) पहना जन्म, (30) मा प्रभाकाल, पो रमा-पिHIYA- [वि.) -Yiv.१५/१५--सा बड़ी बहन, जाति गायकर, मामा- पूर्ण मा १३९. - लक्षाः पी जन्म-मानी पूजन कान, नाच मटा या मारायललो.) विभिमपूः (मा) अधिप सिंगा, पहले या प्रमाचा विपति-पूाि का अधिपति नए-नयन लिन वि.[पूर्व+] (ममा मा। का पूर्वमान कंपनर से पूर्व का समय:- (मो.) संगती, मनुषिक प्रचारपाणपूरमार.2 पूर्व विधान में मा.माधोग पुर्वपर्ण, पिलरयया । बता ! गाम का वार जनक गिला. [ (fa) It | गम्-मत्र] पहले गगे बाला, पूर्वो प्रोत्र नाका पूषों घाग, निमा समान दको अनिपिन प्रापिवता : पतनपात मंध (मम्प पूर्व+1 पूर्व में पूर्व की बोर, प1 सबका जिम्मा ना ना नगर -रपु. 12 पहले, समन । । चाम्पाम का प्रमा! माद का पूर्वपक्षी ) बाट | पूर्ववर्ती मात्र में पहली पवन पारित हा प्रश्न का दिमोली काह। सका मम प्राधे महीको मजा अभि-(-1 अनि पट्टों की मानि । शेप गारिन. पा मम ममाल ना पापाo) (ोनी। पूर्मम (वि.) [पूर्व 1-TA. म पर बत. टवपाचन माग न.1 प्राजोन । पैक। उन होना माग नाता है माना (भि: पूर्वी मम्(पूर्वस्मिन् यहाँ पूर्व - एक नि: मामो से समय वन मात: पानिनोमाः (०० माध] 1 मह दिन म तिमी हुए कल पूर्व और गर्मबारे पामिनिलय, मिता -माबिम मार में की मागणदादा पृषव.- पूषा 1 का बियन पहरे पर मोर में। Hel, मेरा पितामन में कोई एकमा कर न. --प्रपति, पूर्णबतिचे) पुस-NiR] प्रक पूरी फागणी रवाना गा करता, एकत्र करना । वारहयो नसा निममें से नारे मम्मिचिर है क (पूत् + मम नाम पर गहरी, पुनो । सम्पति पद का लियोपन, बामन निस्वा. वृता-। मानापमा पापापको नाम सिनको तारे शांतत -रिका, रस.] कार को रोही, परी । १. मलि श्री.] पहो । जिप हा पिकार, पूषक + पू+ग परतून का मु"। giri का नया अवम |) (को-पूना.- वर्षा - पंगा, ममंग कान्त्रिक पुथा सिक उत्तरमीमाला पर देरान -हे. मीमांसा, क कामम् । सर्व-मदा पांच पूण मगनपरिशन कमवति --पkatri पलीचमाप्तीनस्विप करति नम्क का उपक्रम या मारत, यामुल पा जाना. प्रवचम्-मि मा माल (पू) मिन परन बिमार्फच मूत्रमारो निवळी - . २०२८०, का विशेषनाग 1कप का विषम पूर्वाप प्रसमाव पानीपय बालूम : वि.14 माना इसका मगर मस्को)। व पर माता), लगानिक गोimate- प्रियते. कुस)-अस्त होना, मनिम होना ति में से (भान यमन गारिक (माया पसन में साप)-काई मामिपते पारुष) उन उत्पन्न होनेवाला प्रेम, -रा- 1 - मसुख-परः (धार). 1, काम का पहला माम,-मन होने वाले परिवर्तन करामा, कार पर भगाया, पता, पिताना प्रयता रोग होने का ही तर (बहका मनिने भाग) व्यापारित गुलामा निगम ना पचनी पण को भिरा.) निगमलवृति-पु.२१८कला, कम्मा बाल ने सिमाम, म वा देला. निरीचा कारखा. मामाला- पहले हो बामा, साबादी राज अभियान, मापासागम कर करो- पर मायूने मुल धारा की गई गति-मानिक "बापारबामल पिलोमानि-हुसका बाचा- नया मी पूरा-पुल्य भनी पटना-पु. मि तिर्गम् समर्षयता-सी.ए शपमा माचरण ) ३:२५। के पूर्व में सरसो का,पूर्व नोक पर-पिपवि, पू । बामे बाबा 2