पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६५१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

- 1.म. + पोल के निरोप, मध पुरतों unt tata) [विष् (च)+काम् । HINचिव यात्रा 1. म सायन, ... [-]1.ता स्वीका पुष Ugणधीच (मा मादि) निी ife पुन का पुन (पितृसतः ) ल-मोर, सुन्दर नामभक्त मणिमासी कपा-मरा+ विषा पत्रमा वायुमा काटा। वर्ग-३५शक, कही। वी-को), शिक.)ी-1) मेमिः शि+] 1 मनिका कि [पिल+मा, कम्बाशीब, मियानी। 2. बोष T-it-in.) (सीबी) [वि+11. मा पानसमाप लोम बाप का मान Tणी सोच रखने बाबा कमी पिपलिमे लिए तैयार हो बचका 2 पिढी-पतली बार मनुखे मंच (पुस्लिामी) ,कार का मामः । मध्यानी एक वर्षदेचा)। ONE (क) को काम | Emai (वीन्दी) [पी+मान व [पि+वम् बनाकरमा, कुषम्ना कि. कीमत वा-- रारा RIMI यमप्यम् बहस मुल्या, पारा । समय तिम्र11. पना, पोmanfr: मच) (ली-पी) परिषाचन] लो, हान कामहरचार का बनाव की चार पश्य भारतीय विवि नाक कार का पानी है 3 शिम मोर मी, पीने कार्य मित्रहों से कम्पनीका लाडू 1 मी उपकरण। [समें किसी मोकामा वा पका, समिती) पेरली. पेचारस +अनि, जनही विकृति बिना सा कामावरम सिा पनि AMENT ] miकि, बाता-पूजा बताना हो कोणमाधि साका म पानिको शिवाइस चायनमः-- रेलर .) पि+सरस्1. भाने लावा, पूमने 12..एका बलमा बालसा पिचार-सी बार्षिक संस्कार बार पर 4(मा.पर. पालि) पूनम, खाना। तयार मिा 2 ग्य, परकार की व.] कारना पंज वाचो बना पर विशाची बोग व [ पियूम कान। बाम. पाशा नावाब एक नियम पर एपि) (1) [ पिठर-म) किती पत्रमा नि) (-) [ पिae+]र- उसका कौव, यदी। गीलाल पुरा मानीन बषि को एक मात्र विनाय ना मास+पर का प्रसा। का 11.परळी, पती, परी जर मल्म, 4fimg पेचियम् (+पाल Putar रा-मार ११५.१R बार +खा पर जांबन मिला. भिका माधी, सना हुस्नाना। पुतिन पंच (fo) (खोरी) पिन बारका कह (नि.) (लौन-ही) [बडामह बरा या पाठी का नाम पितामह संखो मामा 2. राभिकार : 4) (सी.-1 [पिषसम्मा म पितामह रे पातमाहीच, पर से अषि पीली का कनामा- 1. सोडियों को बिमा सारस बाला - K०१५/ मनालीचीई परिता । (क) पूर्मपुरखा, बाप पाया। की [ पनाको गार चळे मार वि.) (ो- Re] की मदिरा-भोगे। मितमामा वाला। या (10) नोवाली ल-मार-) माग कि) [ कम ] 1 ला 1.पण्य, वामनबपूर्व सिमित रममा समान रचनेमामा माफ पा मारत, माणित, विस-पा- पुरखानाबमा पर में पाया- पामु महर.. १९८४.४ पww. m.पा | डि।