पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६५४

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1414) सिंच. मम्ममाजलेमन विमान-म) +11 डामोरे पूर्व पार्म के इस पाप-10 + 14-tin | में गम पर एमका नय-मा" भागमा भामने रेरा मिनिमीग का विशेषण : जो सौ नोर 'पहार पचा प्रयम्, पाया, 4पत्रमा पपुर, मपा बाहिरिगों पूर्णम करना पत्रिी-1ो स्लिा- [पूध+ब, शेनेन म-पत' 'गत अमित पायोपादि-- मिस: पीलम, पोलि+मीप] एक प्रकार मकर, प्रमत भावि, वे आसामो बाटे कोरी। पानुवां में मने हो। पूर्व मकर पथ के अनुमार पास बन मनो वोप, पीतामा ] निप्नात सर द्रोत है-10) मारध, पत्रम स्त्री, पुनोना को दुधी, न की मनमानारत्या । नमा प्रापप, अम्बानम् ) मम्बाई यमा र अजा मोलोम्पा भी मा-म २८ । । प्रधानपिक (ग) प्रति मात्र (क) तीन, सप - वसन्त का विशेषक। यापित सपा मनाच, धार, पलप, प्रमखोद र पालीममा लपानाला नाप लिन पत्रमा या पुसपका पनप्रपौर च), पूर्वतन य नबार में पता है (पिकावर पनपी राम म पनिभानम् ( वमत्व, विरोष मनस्तित्र बामा मापन 2 में धान्ने बानी पागमा, पर गोपिता, पपा (नवनिरिका यया प्रम 2140 (म) करा या प्रराई (क) पवित्रणा उमा पोलारस (पीबीकी) पुष्कर+म, पोमर पास वन (2) अभिलाषा पमा माना निराम पीना व रसा पा । पमान 2) म:मान बार पनी शक्ति को पारिक [मापा समूह-पोकर+पनि+मीण) नाहर हव बोहा (4) थारपार प्रगट, बमक्तो में मणमा रोमर, भरोभर । प्रपाका पोलका बनाम का एक भेष। प्राट पि. [r++र मित्र] 1 स्टाफ, जाति, पोजन पका+] 1. परिका, पूर्व विकास, प्रतीपर्गन, वापरला साग इत्पमान, पूरी पूर्षिय ना.) मनौर में, अस्पमन सावनिक फोषिक (01 (ोकी) [धि+म1 परि म्य ते, स्पष्ट रूप में (मटीम करता, वोजना करने कासा, भावान कारक 2 पोषण से बला, प्रवीन करमा, अश्वी मूमनमोगा, माहिर होना। चोबरू, पनियतपक हमा-बॉक्षि शिव पर निषण मोना बता सल-पुन+मग, व्यभाडाय ] : प्रायम् |प्र-- त्या मत रोने की फिर.. स्वती मात्रा घामा, उषा देना। पोर Bि) (it) | TR माबित (०) [प्रका] 1 पात, रकों में पाय, पृष्यमय गणितपाक्ति अनामतमान तिवार। पूर्व नगर, पळगा लो मे पार + गई एक ' (म.पण] कामा, शिना, पापना, नगर १) पत्र। प्रत परमरा पा (मम्प) सोमाय भाग बाद विपका पाएगरि (मा.) को नहबार Alree का मान, लक- स्था को चुनाने का कारण लिए पवन प्ररूप -बिर। है। प्राम्पर (जि.11+पर+त्मह] हिलाने वाहा.--- पार (T+at+पाप, प्यानबा पण फूलना, 1मा, चर काप माली मा तोका- प्रम्म्मनेनानु- मोटा होना, भवन 2.मीचे । कमीपरेक-पि.tm.117 का भागमम् मानस पर्वन, पदि। नार, मासिक प्रमर कालापी, नीरदार प्याति विया चित, नि माप समरी। को मोटा हो स्या हो । विभाग, ममा किपा HEE (+6 (1)+] समुच्चम, मात्रा, मपद हा। - मुलालम्पारमाधि हानि-शि- ५/१३ ये क्या बात : प्यावले, पीन) नावादको प्राप्त होना-मोटा ter-रोह पुफा बाष्कर मनुषा पृष्टिम् .. ६८ . २०५६ कु. ५ मा, पुषण पर्व, फापना, होना, सह- प्रकापति- माता र मित्रता बिार प्रभाला 3. माघर 6 सतीरमहर, रना, योगा यनारा कृषी पत्ता १४ नपारल, लमगर की की। ला, स्वाधार करना प्रम ++मूर] ' पप करना, पाल्पा