पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६६०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

1 दी। मोरन [पना। 1क कर जाने गगना, पुजा-त्यूह 1 मिला, दुरूना, पर पारपूर्वक मनाना, साना 2 भाकाना, बमा वेगा महानि. चारमना, माना। मना, निपंग देशलिपन.विवि. समादेश। अल्पत मू.. [+IE कर wints. [५++] बलपूर्वक मित्रा, Near मरा ही चिन्तित बामा तुपा, पम्ममा नायकापा हुमा मान पर, बिस्थगित. पतित पदेना हुवा, मिषित, बापम रिया पिा दमा-मनन भगामा Tity का मा, मेषित पति, गीत। प्रकृति 1ि4+म्प | निम | ाि होला, बारा-पषि, पुष: प्रेरक पत. मागतो, हानि, बना. पगार-निरप प्रति वर्मः पक्षपणे ifsी, पूना, माग गमा विपाशामर-बार राव, करला, प्रश्न करना, पृहताक रग [कर्मक) पता रामा रमपोमिलाप -gi [पत्रिप जागा नापत जन | गोललामी। १८. ५, 40410 जाग रात पूर्या प्रम (| मा+गर्गपात करना मा करता, ..-मनु-१२०:ना, लत्या कांगा. जन-1, बन्योता, जापान-- म ९६.1 पप पूष्मा करना, पार पाना. मा-- । निरन्धुक माक्ष गगन) 4 गमापान ME , | पता-पंच करत' पनुसा। (अ) जपन्यास निस्मन्वयम् वणमाविन मरणम् : 1 सुमन मनन, पानि । मा र परि-- जून पोप समेगान जन्य. प्रसबमा धान काला, पूनमल गुलाकी गान्ध विग रा भग सामः ।प्र | पर नगर प | मावरण, वाचाल, गरान। परेन, चादर, न पिता की चादर- रचूः | मनिका [-+lha+ge -21, इलप | HI ता. पटांगन, गया। मादा। प्रश्न नाप्रपवह पूष्माष, पिना : मजनम पावन |-14 | काया। प्रजा [प्र-र -1 प्रजम [ - बा | पा | पारगाव. गाजा, मसाव- स्वा. सामादिन, धरलतपेटाला पान छ। कगार पम्मप्रेमी का निणनमाने में सिका में पका मानिची, गोनोप प्रम) धापना पंजोगामा, प्रिस्त्र -मा ... गुण प्रत तोडगा पजन्य भा रगतं । हम 1 निजी बार परीक्षा ली | प्रममाय च । तर नागीन माना, नाहना निकी - (बव्या) एत प || चुना माताज R. Rो गरेका प्रति / रमा) 19-म-नि मात्र, दिपाईना. परन्न गोटी कर मना । 1-14. पेवारी लाहकाग। पतप --] : शान 1 माह की- मा गोलना । उसटी आने वसी गि: मना |D.TATIOTriLJ (पहा मराम के मल में बन कर प्रयोजना नब | पन पत्र प्रमाचा -उद्-TFIT.श्या | नरसी म. म स . १०) देना, माना। मंगल, प्रमून, बन, पासि जन्म, परतावा । प्रसारम् [ प- पिच | त्व: मगर, मता गनात मा गये, पविता प्रमा उनरोगराम-सीरनाममः. चाद। माप्तिान 14. पवार्य गचिाम प्रभावित (F)- जिन +1 -10. मनपा २६५, 1ो 1सामा.शहमा वस्त्रामा बाग प्रकार पर जाना बाटि कांग मनुः५ मा मा पनी .... ३. अन्ना Ary: गाडा हाथापन | माजबा, बायादा प्रवा बचा ५. (यानी प्रया स्थान-THANKलभान दिया। सामरगतान का 'मलान अब भो।। पृ० १७.१ मा पा, मातविक प्राप+स] पाम, सिप । 1. मी मर-मार मरण का का मन -५, .) मन्वान को हमा [व] 1 बात. पिा सुमारे पाना, - 14 मा पनुष्यो का राका, पमू-० परीन, निमा कमी। ८. ५१५.रला, पाकाम form