पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६६१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

[ ६५ ) सन्तग्न का गैदा करना, नि.) जानकी मासिक पळू, ममानित-वि.) की मांग- म पामरा, --मामम् मामाररो में पूजा-ौन (वि) मूलं, पावी-बाना ना नियंपण ? राजा, प्रम जाए। अशा मारामा : I) MEMJ17, .-मिक नपान, (मगांराप स्याकिनीन । माता मानन्तरपाल भिषिक्त 3 स्पष्ट, मार -गु १५--पतिः । सटिकी मिष्ठापी पमिह, मुभिण्यात, रिभूट। देकता--मनुः १११ नया का त्रिग मामम् [+at+पुर । शुध, पानकारी, ममम -artी भूची भाषिय निम-तोक, काग : fimu-10 परमांक (A--मार बरिलान। -- नुवशमी विसर्मा का माल पनि लिनो), प्रनि [fo) [मला विवंग : सुपं ना ? THISण श प, इनि. बलम् न मबार, निमाम्, मनाची । विशेषण +गित, पका TO .. पा.-पाक म पनिरले कानुनी पार सा, पम, भाभि-थिन । तिषण, कि बदेश अनुभवी, जिसको टा भनष की भात (न्यो- मन्नान की विनर का लिमेरप पुष्टी हो), मुख्नं पर भी हटाको माला । विरहित (कवी मानी ('पर मी पिनियन सन ! गार्ग प्रयाना +4 पेची होमा: मय? प्रयापर नागबग] | गल को कान रहना. कला,नी. बहमम। ft का प्रभाव --पकण त्रिकोन जया मनाम 2.0 स1 स्पटो सम समाप ... ६२१ पोकली. साग्मानी मेंहला बतनाठा, झीयमार होना ? बाममावकसरमाणका मिष । क्मण, मामाना हमा ma IF ITLजन्नत मा. | मोना हार में नाना 2 पायें यना ना. रुप मा ाि पता । ! जना मन्दर मार गाना । न !पुर -+] पुसला. प्राचीन । ध्यान ! जो रस+चिन 1 ममम, प्रणि । प- RINT मौत का सिंग। उत्पादन, पण देश प्रपा प्रजननामक भौका भनत (भू... नम्-म] 1 मुका सा, 4 अमरवेला, पावरीता। खामाग, प्रफल गायरा. मस्कार करना माय मनुष| प्रमा का समान बाबा 3. मिनःपन, मनुर-२० मा गम'। १ गईनासी भाई पानी, आभ. -भूति (म्बी) [ना+का . पचाम, काका, ५. १५:: विवाहिता नारी, माला, पाता । विवादा तम माविषतिन प्रतबिहिन प्रविम प्रकिना। मत-14. र.४ hिer प्रमोसनम् 11 : 154) का श्रीन निकांड नन्हात बेवमवनरवरिता प्रति का मापन। समान मान 4. निनितेष तन्त्र प्राप (40)|| मका, मका, मुदा परनिता पाट मानव कोनो र १९ । दया। प्रपा प्रजातर लदा जम बरना. भावाब कसा, nanj [+in+मनान, मेमा बिदार। पर, यति। मामि [न वि]ि 1. नि. प्रासापाप-नी+च ] 1 विवाह करना, पाणि ग्राम दिशा सूचना, समाचार देगान्त । करायवर विवाह)-म -2. क) प्रेय प्रना [+हा + 4 | ए1 मा. मा. दि सोई पाँच, परमि-विच-बीसिमापारबोनापु- मत', बाकातडपारम- मंगो मिनिममाचारजोत्र ३५. गल निहन्ति पुरुषाय तर मुल गम पापा ५ मे.... विपन्नश्च जति बुमा कि भरा (क) अभिलाषा, चा, समता विवेचन, Ind) सरकांग. योजना सुधमती 3.५०९. या-टा. Its मित्रा- और पिएपी रासप पापा, पूर्न गरिमग, भीत, री: नबिता-10९ (बुद्धिम्या रुपात बाचन गमा), (पु.) परिपप, परमा. पिन्यास-400 भाष मा किनष () रन की प्रोस । कृपा. मात्रम्प-बहारम बहमत-