पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/६९६

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मामि (..) [+Fr+m | () [r+व+किन.] 1 गम ३ "ट्टी 1. गदिच मा मासा किया गपून चल, मर ही पड़ा। मिन, प्रथाका पूजा किताकि (मु...) [4. सिम् + क्त: 1. विभुत 4.पालभाषापा, पालमा दिया था। चिस्मात, पुराया. मा. रिजूषित मानिस-मन] पु. Part. 419, 2151 1. लम्पम करने नाका, पुराने नागर पार (सम्+नि | 1 कालभाति, कम काता, जाम बाला! मवार वाला बत मही दिन जना. निमंत्रा. पूति-कि करने बाप्पा.. चारचाअपने म्यामी को म है। मनु न, पापड। पाहमाणे पाया पत। बोरिंग [प्रमान थाम : पल दलम मापन | पाप । स्मर1 निष्यब करना, कार्वा । साम्बीयाप मात्किा, कोटा भार । करजा, करणारा । अस्फिा करना, कसमस (भू.का.) [+स्वपल] 1 सोया काल माना, बजार वारसा, चिमकि काममा हुना, निधि र प्रणा निया में। शरीरतम्बा, गंभून-gmai ममम्बर, भूतिः (ली. [प्र. स्वपकिन माना, गायष, मनाने या विपित करने का सामना गा, गिमा का समुनो, की। समान)-भू-मिग 1 कानित करने वाला मला पार- सबसे राममार-सदन पदा लेना पम ने कहा-पीधरवामित बिप्रसाधन निषा-मिठा-11 वेतन्या-पाय 105-(पी.) बाना ..पाहर- ममानिग | प्रमाम++लम् 1 पिता का ज्यो तरी प्रमूफितार-जननी चोटी जो अपनी स्वामिनी भारी मशी मैने वालो मतासा। प्रमाविकावटयप्रणाम्पाक्षिण पु. 'मा [+++शाप ] मांगी। safe Insu+मा+] : गिवन (न-5)[++ and पूरा काम पूमा पानिमत ३ पैक किस्ता बुम मम पिमा भा, उत्पादितस मुग्विा । 1 फूस 2 कोरे उपवास खोत, सासमायो: मला+Iबल 31. माना, विस्तार करना माहि- (बी) [++नि ] 1 अन अनन, तान, प्रति विशार, पारप मियत पप्त वमा काना, मोक्न, बच्चे प. नाम पर लिए समर नरूप फल माना। की जमना-४.१० रा को बन्म देना प्रसारणम् [म.-4गि म्पट | 1 नियमा 4--01|बन्प, मत्पादन, पमन पड़ना, महि, मी फैलान: मया --पच -पु.१५6 तन, पका हीरा (फूलने का। 'बाहुमनारगम' में कोसा पर और विवमान-रप-५:१४.70 पदाचार माम्म मनसायच मानवम्बर प्रति. प्रवा, मरमः = 80, स्बो (TRATा स्वरों (प.स)- ५. दु. 11 IN५ अपारख क. बामा, मारक। प्रषट र.10 फ्ला । मप-कम वारली प्र++शिनि 02] ग को घेरना । पक्षण में उपम ने रानी पीया, मापुः प्रपर के शापित (50). [+विषनरी सास कांगप में चत्पन्न होने पाती बान् । प्रसार किया हमा, कापाषा, प्रमुग नाnि [ मूल +r+हापु ] बना यो मन ती हवा. माया र स्वों में माना जितके भी हाल में बने को कर दिया है। jiofen कमा प्रमा, सदा ना, (नि.) il-9-47, तम्य वाल hym) a der पैदा निया गया. उत्पा- फूल-तामा पूर्ण Li-i+महागाने प्रभाव में जाना जाता वनाश प्रमूनस्याममा - 04/१०. मना, पंकित करना। 2 की, मजरी । फल रप--+-यामः अति (... [+-+10] बांध स्वी! गाय कापरेच का विदोषनर्ग:पुषि। मामा हुमा काण, बल मानना का प्रमाणात कमतरी। समा, एक नामपिन [रत्र । [r+म+म+माणे महा रा मा बाम) का सम्मानित याबरम .--का पोम, मबार । व नारा मा. बाया हुमा ३ फेनम्या गपा, प्रसारित किया गया 424T, बा किया इमा