पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/७६०

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साबरतोरे पुत्र विचित्रवीय को राजगद्दी पर मिठामा म २५. 2. उपभोग काला प्रयोग करना, तथाकषिरापीमायाना के साप मा । सिन्धान भूमि भरिपोपिला-श्या feare करापा, पर गए पत्र तथा पाँची (कोरस १. पर .१४५, यामः शEY माधरिक पांकनों का मिभान बना रहा। महानागा जमा करना fan-- माय जे पहाभुर-र समें बह कौरवों को शर से मंगा, पर जियो A. Vis. Pt.Part, मृगम का समय मा पुमानि- से महावता में अम में पुद्ध में मोटकी पावत मेष मुले-मन सम्पन पाता. मांगन कर दिया, तारतमा पर मा भवः । करना पकाना, बालीना (करराम परम पिश में पूरा का परान माने पाभिनाजा- ११८. ॥ स्ना बास्त्री) कारण वर मा प्रकाराला यह पता कि नागरिमामय माग भोपना, चतराव में 14 मूर्य - मत मिर मन भरना, साबो ना दुमपामावि को पार किया नहीं उठ पर्व पर पार्ष। भुस्यां - सिड़ा-काना(गए, पर्पल करना बाह बपने भव्य पुगिरता: ममता की दुका या प्रेट [नामपनि बिना, भांजन राना, नावर + पति धन भति * कारण बत्थान THera) मा कोकि करमा माप । हाल हो गया ।। नमानी गाना विपण, मनु-सन्तोष परनायो पा भोका। मन मन पर कपि गसाद पूर्णिया काना. फरगुरहानः . नेमविश्वास पर गांव दिन (मह पांच नि मोग लिए । परिकाम् मन्नगुमा|-पु. ३९. F• I५. पागो म . बी. पा नही 1 पर बना पना--तपशापमुख्याता व पिष फलानि पु. शारीरिक कण में मत्र मंगा मोहन माय- गन 1 गलनु कान से हर [ध्या मोसाय पाना पा पोगा- मोर पुत्र विदर्भ में रावा ना नान: विकी मी पुन रमेन Pahi bu, 'स्य पुषणामुन-रम. रक्षिा सायमा। २५ गत ..+भमाना, सहन सुकाव | 1 गहमा 224. कया. मना-मनु स८.६ अपकार में कला नुमत. पयानोचा, अनुभव बिमा पिन रखना, पर 1 बाना 2 पाक काना. वामन fan. पधि में) पिकार मिया--.. पुत्र केन'मा मिन र सोभि पादमू-१ -सा 1 टपभोवरले पाना भी किया ? यो ५.१६ कि. ५५ ५७. सात्रामा उम लाग पाव, माहार बह र किसी ने। नोनला विमलेना । माना है। समाजमा योगा ! ११ गमात के मन में पानं -ओग ( विनमाने सम नोगा है: पाम उठाया है. नगमोला घाट हा गया है. पाना, शामन मला मार हानपाप' धिनि' पही" माविलो०)। उपधार माभ, गम निकास नांवर ये हित । भूकतारी नभन) बाना, गत्लोग पर पू[+] | नग-मावि किमानजी मे पनि माधीकारक मण-०११-४, 21, विधि अनि गाती पूर्णपणमा पत्र. १५. पण गात्री कामकाजक, ३.९४ - १५4.1+पर की निक मोर नवियरक माहति का एक नया बाव -वर एक प्रकार गौमा मृग. -किन |नि.) जित माग करणे का अनुमनि मही है। भूि सिल' विजण बारा र मगरम-भाखरालयम, छाती-रम- ९४ धुन (108) समान का अषा, नि-शपुमून, बाधुम वादि ११।१२, पान-कार- अषपाच में उदा. व-नहि-12.म.सा राना, बाहो में लिपटाना-NE-या षाधार की योषा- जय-मापक - हुमः धिन ) सा TOति, भाषाला पोरमा, हाचाचपणम् शिना, भामिन रशपटप का करना। (मा. नीत, मुख) मुभमन्यनम्-11-1- 1 चाना, निmati,यामो सामानको मुंजा की गाय, पटटो की तमन्ना भात्री मीर-मन- Nav, Rite. गदि १२, . -TE-पा.- लिलय (मपु. का. पण माचार बरोका। पाया गया ।