पृष्ठ:संस्कृत-हिन्दी कोश.pdf/८३०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

म [R+सा 1. समजा, मंग माह मृतका ममतमो. न मामालन समनिपा- परब, मोना, महाना-बोना सकता, बिदा बाबमनिति श्रापित ४१-चीसी -दि- सम. कार-प्रकार, निर्मक मान गर नाव बमोच । पम - मेरमा सचा मोर मला मुलम मिरयो दाग रया, काम. (पु०) पूर्व । मरमामा पया। जालमा स-मस-गिर+pe] एक प्रकार की [+]fev का विपक्ष । मिट्टो, गिर या चितग पत्तिमा । पंजाबो जी [भूर+टाप, काम, पत्रे | मणि (को०) [::ति मृत्यु, परप । मानक मारतो का विभ-कामन्दरि कामपूर- महिला कर सकन+] पार हा मनु. भाषिक मूमे नगनोपतिः-गोगन या मिट्टी के एक प्रकार की मपान मा पर• गतिपर कसा पाला, म मिट्टी। जबा। का [+] | मरम-वातस्य हि भुको मायू- -कम् मकान] कम की लाममा हनन भूतल प-रणः १२५ मल्स का नती मन-सन्न परि हिमालमानमति जनम गाव मामिण निगम १५. मुगाकार राबल्सी पिका. मास का विशेष पक्षिा पियेगमा बाम- शार ... विक्म 11- मुनि हम - एक प्रकार का डोम जो पीनदिक माप्त की पर, बरिण। सम-बन गन्माला साकार बराह पर बनाया गाता है.--: पारा, मरम्मत का तानु । मा. मिरः विधेयर,-पापापा बमकामा अपविभागवाही मृगाल+at+लम्मान मणि, मत्रा, मलिवन बिमरमधील, पर्व ओम् ] कमला न सन्तु पारेमृतिन मुमान --ता,-सी बेला-बीया-माम: बाम-राम सागर- नार, मा, परिष्तिममाप्तोर्मला म. पोतमा वेचता, मन : लोकः । मरों की पानि ताः ॥२४ । दाना, गमनको लोक चोक- "मायचंता मुमति पुष+गि] । -बन नाम का नामहाकी मामा, माना । गा]ि1 कालापामा पति ना.) के नमी का महहाँ पन कसावन मा नाम निमन, भूमि मिष । मला कामात रन पर जानक)[वा | 10 मनको पणी पिट्टी पा पार किया गिट्टी 3 एक प्रता को प्राप्त । भूतक मा. अ. निल भोपा की गवन भट्टी । पुरनो पुनभवनमः मृतमयोनिप प्रादमप (भा पर माल मस्त बोल्या, स्वाग सांसगाव. V1 माम किया सुमा, पीवटा सममित कौम गवरबदलपिकीय फामा-मृगो गणो नोमिदंग गारपत्र ---वेणी- 4Inा, रौटना को हमार - माम- १८२ मत्व ! मिया में देना. सस्था परना. नाना पीनावेना. पापा मम. दा भिसा । नतम (4)। मना कर बना दानमारमा-गरी समापन, या मूर्य-चन मिमी १५. बालाननामरिनामबन - १८५ पानी की सत्पु ता नबित्रया, बार, ० 3 ममता, गुदगवग भिमनाना कि 'मोर', यमः मन्न, पाण:- (पि. म 4 बीत तेना, बनो कप पाश पना, मापार मंदोग, - गहमर पाल रसमा पिपुर गत ना ना, मग निरांगना, औरना, -पानी को बनिस्तान में को कुचना मंत्र - Bषगा, कुसमाना, सब- 1 निबोम्ना नाबाई. मा मतका संह, संका पाँte पीरना 2 नए करना, मार नामना. मत देना का मार्गदहिक रूप-संबोवन (140) पूर्वी को पापिक्समुपप ० ५/५० परि-रचना प्रकले वामा (-मा-श्री पु का नागिन रिशासन परिचितमपली पूर्णमानगाकानि-पान फामा -मी) को मिलने का मत्र, गहा या 12 मार शासना, जब करना दोष देश, ताजा भूतन मरे तए (या शत) मलेको काम मा-गान (सीमाव होने पर एला माया । rai, प्रमा, नाचूर करना, भीम देना, 1:कर देनानीचना, निचोडना उफ- का [मृत भूषः षम भूबनी नावरण. बम्ना, पाममा -मनु. 1. भार