पृष्ठ:सचित्र महाभारत.djvu/१३

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पृष्ठ-सख्या १३ –पाण्डवों का प्रकट होना और सलाह करना .... १६० पाण्डवों का प्रकट होना-पाण्डव-मत्स्य-सन्धि-उत्तग का अभिमन्यु के साथ विवाहपाण्डवों के पक्षवालों का कोमिल-कृष्ण की उक्ति-बलदेव की उक्ति-सात्यकि की उक्ति-द्रपद की सलाह से कौरवों की सभा में दूत भजना-दोनों पक्षवालों के द्वारा की गई कृष्ण की प्रार्थनादुर्योधन का नारायणी सेना का और अर्जुन को कृष्ण के सारथ्य का लाभ -- शल्यराज को दुर्योधन का अपने पक्ष में कर लेना--युधिष्ठिर की प्रार्थना का शल्य-कृत अङ्गीकार-दोनों पक्षों का सेना-संग्रह करना-कौरवों की सभा में पाण्डवों के दूत का जाना-वृतराष्ट्र के द्वारा पाण्डवों के पास सजय का भेजा जाना।